स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत : किशोर कन्हेरे
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नागपुर। सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य की स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव कराने के निर्णय का विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक स्तरों पर स्वागत किया जा रहा है। ओबीसी समाज को स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में राजनीतिक आरक्षण मिले, इसके लिए पिछले कुछ महीनों से चल रही न्यायिक लड़ाई को इस निर्णय से एक महत्वपूर्ण मोड़ मिला है। न्यायालय का यह निर्णय लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पारदर्शक, न्यायपूर्ण और समावेशी बनाने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इस स्थगन हटने से ओबीसी आरक्षण के संबंध में त्रैवार्षिक सर्वेक्षण, डेटा संकलन और संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त होगा, ऐसा प्रतीत होता है। राज्य के अनेक राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत करते हुए न्यायव्यवस्था पर विश्वास और दृढ़ हुआ है, ऐसा मत व्यक्त किया है। विशेष रूप से ओबीसी आरक्षण से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई करते समय सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2022 से चुनावों पर स्थगन लगाया था। 2022 से पहले राज्य की प्रत्येक स्वराज्य संस्था में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण लागू था।
नागपुर महानगरपालिका, जिला परिषद और अन्य कुछ स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के कारण यह स्पष्ट हुआ कि आरक्षण किसी भी स्थिति में 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। इस कारण अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति को 23 प्रतिशत से अधिक आरक्षण प्राप्त जिन संस्थाओं में था, वहां ओबीसी आरक्षण घटने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
इस बीच, कांग्रेस और विभिन्न ओबीसी संगठनों की ओर से धरना आंदोलन कर जनजागृति की गई। तब से अधिकांश स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं का प्रशासनिक संचालन प्रशासकों के माध्यम से चल रहा था। हम पिछले तीन वर्षों से इस निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से लोकतंत्र सुदृढ़ होगा और आगामी चुनावों के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को काम में लग जाना चाहिए।
जातिगत जनगणना कराने के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णय का भी ओबीसी समाज की ओर से स्वागत किया गया है। कांग्रेस के नेता सांसद राहुल गांधी के प्रयासों के कारण ही सरकार को यह निर्णय लेना पड़ा। मैं, किशोर कन्हेरे - उपाध्यक्ष, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का दिल से स्वागत करता हूँ।