नई टेक्नोलॉजी ने जीवन की शैली ही बदल दी है : वैशाली मदारे
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उभरते सितारे मे 'पारिवारिक खुशियां'
नागपुर। पारिवारिक खुशियों का संदर्भ उन पलों से हैं जो पल हमने अपने परिजनों जैसे माता पिता के अलावा दादा- दादी, नाना- नानी के साथ जिएं हैं। उनसे खुशी- खुशी में ही बहुत सारी चीज सीखी है। जो आज भी याद आती है और प्रासंगिक है। आज इलेक्ट्रॉनिक्स और गैजेट्स की दुनिया में पारिवारिक खुशियां कम हो रही है। सब मोबाइल में ही उलझे रहते हैं। पहले किसी भी गांव में एक घर का मेहमान, पूरे गांव का मेहमान हुआ करता था। सब में अपनापन, एकता और मित्रता दिखाई देती रही। पिताजी कहते थे कि, हर गांव में अपना एक घर होना चाहिए, यानी वास्तविक घर नहीं बल्कि मधुर संबंध बनाने चाहिए। नई टेक्नोलॉजी ने जीवन की शैली ही बदल दी है। यह विचार वैशाली मदारे ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखें।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित उपक्रम 'उभरते सितारे' का आयोजन हिंदी मोर भवन के उत्कर्ष हॉल में किया गया। कार्यक्रम का विषय 'पारिवारिक खुशियों' पर आधारित ज्ञानवर्धक, मनोरंजन और संगीतमय प्रस्तुतियों से भरा रहा। कार्यक्रम में अतिथि के रूप मे डॉ. रमा पी. आचरेकर उपस्थित थीं। इनका सम्मान संयोजक युवराज चौधरी और सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने स्मृति चिन्ह देकर किया। सर्वप्रथम कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए, संयोजक युवराज चौधरी ने पारिवारिक खुशियों को संदर्भ और उदाहरण सहित समझाया।
तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस विषय पर अपने विचार रखते हुए अपने गीतों और नृत्य से सबका मन मोह लिया। जिसमें, हिरण्या चरडे ने बहुत सुंदर शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति देकर सबका दिल जीता। अदित मिंज, जिनीषा भोजवानी, कनिका हीरचंदानी, कोशिका बर्वे, जान्हवी तामगड़े और शाश्वत गजभिए ने की बोर्ड बजाकर सुंदर गीतों की प्रस्तुति से सबको प्रभावित किया।
बच्चों की प्रस्तुतियों को उनके अभिभावकों के साथ- साथ मीनाक्षी केसरवानी, कृष्णा कपूर, दीपक भावे, गीता सुरेश मिंज, सीमा लूहा, नम्रता भोजवानी, श्वेता स्नेह गजभिए, सविता बर्वे, शिवानी लूहा, नूपुर चौधरी, अलका रूंगटा, देवस्मिता पटनायक, विनोद बोरकर और दीप्ति योगेश चरडे आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन वैशाली मदारे ने किया। एवं उपस्थित सभी दर्शकों, कलाकारों और बच्चों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।