सृजन बिंब प्रकाशन की 8वीं वर्षगांठ का सफल आयोजन
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नागपुर। लेखकों को सकारात्मक लेखन करना चाहिये जिससे पाठकों को कोई सीख मिले। शिक्षाविद् एवं साहित्यकार डॉ. जगदीश व्योम ने सृजन बिंब प्रकाशन नागपुर की 8 वीं वर्षगांठ के अवसर पर ऑनलाइन आयोजन में अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा। प्रकाशन की संचालिका रीमा दीवान चड्ढा को बधाई देते हुये उन्होंने कहा कि आज नव लेखकों को अवसर दे रहीं हैं ये बहुत महत्वपूर्ण है। नव लेखकों को बहुत पढ़ना चाहिये इस बात पर भी उन्होंने बल दिया।
उल्लेखनीय है कि नागपुर के सृजन बिंब प्रकाशन ने इस वर्ष देश के विभिन्न क्षेत्रों के रचनाकारों की महत्वपूर्ण पुस्तकें प्रकाशित की हैं। किताबों की कहानी - लेखकों की जुबानी इस शीर्षक के तहत वार्षिक आयोजन में सभी लेखकों व कवियों को गूगल मीट पर आमंत्रित किया गया। मथुरा से मेजर मुलायम सिंह जी ने बिल्व मंगल - चिंतामणि शतक से ब्रजभाषा के छंद सुनाये। उन्नाव की लेखिका डाॅ आभा माथुर ने अपनी किताब स्मृतियों के गलियारे से, के संस्मरण सुनाये। इंदौर की डॉ. पूर्णिमा भारद्वाज ने पुस्तक सुवासित समिधाएं से, अमृतसर से दिव्या अरोड़ा ने सफ़र- ए- जज़्बात से एवं भोपाल की युवा कवयित्री आरती शर्मा ने सिग्मा ऑफ लव से कविताएं सुनायीं। जगदलपुर (छत्तीसगढ) से करमजीत कौर ने कहानी संग्रह बीजी के कुछ चुनिंदा अंश सुनाये। नागपुर की वरिष्ठ कवयित्री सुधा राठौर ने आखर के पाखी संग्रह से नवगीत सुनाये।
डॉ. आभा सिंह ने टूटी टांग संग्रह से एक व्यंग्य, संदीप अग्रवाल ने तुमने जो ना कहा कहानी संग्रह के कुछ अंश सुनाये। वंदना सहाय ने भूख के जीन्स संग्रह से और शगुफ्ता यास्मीन काज़ी ने अनुत्तरित लघुकथा संग्रह की प्रतिनिधि रचनाएं सुनायी। सृजन बिंब प्रकाशन के सहनिदेशक राजेश नामदेव ने कार्यक्रम की प्रस्तावना दी। रीमा दीवान चड्ढा ने आयोजन का संयोजन व संचालन किया।आयोजन में ज्योति गजभिये, नीलिमा करैया, रेशम मदान, रूबी दास, समीर गंगाखेड़कर, डॉ. सुषमा झा आदि वरिष्ठ लेखक विभिन्न राज्यों से जुड़े थे।