राधा राधा जपो कोई बाधा नहीँ : प्रेमानंदजी महाराज
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वृंदावन में प्रतिदिन उमड़ रहा लाखों भक्तों का सैलाब
नागपुर। पावन नगरी वृंदावन धाम में गुरुदेव भगवान प्रेमानंद महाराज की एक झलक पाने, मिलने प्रतिदिन लाखों भक्त पहुंच रहे है। राधा केली कुंज , श्रीकृष्ण शरणम के समक्ष हजारों भक्त कतारबद्ध खड़े रहकर संपूर्ण वातावरण को राधा नाम से गुंजायमान करते है। महाराज जी के साथ एकांतिक वार्तालाप में विरले भक्त ही शामिल हो पाते है। नागपुर नगरी के पत्रकार नरेश पंजवानी को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ। एकांतिक वार्तालाप में सर्वप्रथम नवल नागरी बाबा ने ‘राधा’ नाम की अखंड धुनि लगाई।
भक्तों के प्रश्नों का समाधान करते हुए प्रेमानंद महाराज जी ने अपनी ओजस्वी वाणी में कहा कि नजर अपने प्रभु से मिली हो तो किसी की क्या नजर लगेगी. नया घर बनाने पर लोग राक्षस का मुखड़ा, उल्टा जुटा टांगते है जबकि भगवान की छवि लगानी चाहिए. भगवान के स्मरण से काल और माया पर भी विजय प्राप्त की जा सकती है। और संघर्ष की बात ही क्या? भगवान का बल लेने से या तो दुख मिट जाता है या फिर संघर्ष को सहने की शक्ति मिलती है।
भगवान की विमुखता से डिप्रेशन होता है, संचित कर्मो से दुख सुख की प्राप्ति होती है, जब तक भगवान, भजन से नही जुड़ेंगे नाम का सहारा नही लेंगे तब तक जन्म मरण का क्रम चलता रहेगा। अध्यात्म बल धारण कर लेना चाहिए तब भगवान से जुड़ना आसान हो जाता है. भगवान की शरण मे नाम जप करने से हर बाधा दूर होती है। नाम जप करने के बाद अगर बुरे कर्म करेंगे, तो नर्क भोगेंगे, पापाचरण करते सुखी नही रहा जा सकता।