योग के नियमित अभ्यास से संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास
https://www.zeromilepress.com/2025/06/blog-post_78.html
योग संपदा ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
नागपुर। योग संपदा के जरीपटका योग वर्ग समूह की ओर से आयोजित 11 वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस जरीपटका में साधना सहकारी बैंक के प्रांगण में मनाया गया. कार्यक्रम में साधना सहकारी बैंक के अध्यक्ष घनश्याम दास कुकरेजा, आर्य विद्या सभा के कोषाध्यक्ष भूषण खूबचंदानी, आर्य विद्या सभा के सदस्य नरेश केवलरामानी, राजकुमार महाविद्यालय के अध्यक्ष विजय केवलरामानी तथा योग संपदा के अध्यक्ष बाबूराव ढोरे मंच पर आसीन थे. परम पूज्य ब्रह्मलीन योग गुरु जनार्दन स्वामी महाराज, वामनराव मोटघरे योग गुरुजी, हरिभाऊ मेश्राम गुरुजी तथा हरीराम अभीचन्दानी गुरूजी के छाया चित्रों पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का अतिथियों द्वारा उद्घाटन किया गया.
सभी मंचासीन अतिथियों का सम्मान पूर्वक स्वागत किया गया।तत्पश्चात योग गुरु हरीश गीदवानी द्वारा उपस्थित सभी योग साधक पुरुष महिलाओं को सरल सरल योग आसान और प्राणायाम कराकर उनके लाभ समझाए गए. प्रस्तावना में कार्यक्रम संयोजक योग गुरु चंद्र कुमार टेकचंदानी ने बताया कि जरीपटका में 26 वर्ष पहले एक योगशाला खोली गई थी जो अब बढ़कर 7 योग वर्ग हो गए हैं तथा उनमें 18 योग शिक्षक तैयार हो गए हैं, जो सभी योगा क्लासेस में अपनी निशुल्क सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि प्रतिदिन योग अभ्यास से संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास होता है और मानव अपने शरीर, मन तथा आत्मा के विज्ञान को समझने लगता है.
योग गुरु बाबूराव ढोरे ने मन और श्वास के योग पर प्रकाश डाला और समझाया कि मन के शांत रहने से ही सांसों की गति पर नियंत्रण हो सकता है । जिससे आयु मे वृद्धि का लाभ मिलता है. तत्पश्चात घनश्याम दास कुकरेजा ने अपने अध्यक्षता के भाषण में बताया कि योग के प्रभाव से उन्होंने अपने स्वास्थ्य को मेंटेन किया है। जिसके फल स्वरूप उन्हें इस उम्र तक कोई दवाइयां लेनी नहीं पड़ती यह बहुत बड़ी उपलब्धि है, उन्होंने सबको प्रेरित किया की योग का नियमित अभ्यास करें. कार्यक्रम का कुशलता पूर्वक संचालन योग गुरु राजीव ज्ञानचंदानी ने किया तथा आभार प्रदर्शन मधु रामचंदानी ने किया.
कार्यक्रम का समापन अल्पाहार से किया गया. कार्यक्रम के सफलतार्थ राजकुमार विधानी, सुरेश आहूजा, राजेश खत्री, लखु आहूजा, रमेश कंधारी, नेवन्द माखीजानी, मनोहर रामचंदानी, नंदलाल जयसिंघानी, डिंपी वासवानी, चंद्रलाल लालवानी, ताराचंद नानवानी, जगदीश वंजानी, प्रदीप करीरा, गोपीचंद मनवाणी, सीमा गुप्ता शशि जम्बुलकर, हीना विधानी, मनीषा साखरे, ज्योति ढोलवानी ने अथक प्रयास किया.