इशारों इशारों में दिल देने वाले.. !
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यादें रफी में एक से बढ़कर गीतों की प्रस्तुतियां
नागपुर। रफी साहब की याद में यादे रफी फिल्मी सदाबहार गीतों का कार्यक्रम अमृत भवन स्वर साधना म्युझिकल ग्रुप की ओर से मधुकर गुडलवार के संयोजन में आयोजित किया गया। आनंद पनपालिया, डॉ हरिभाऊ डोरलीकर, डॉ संजय राजहंस, रितू बोडखे, हृदय चक्रधर, ओम पॉल, प्रमोद काळबांडे भूपेंद्र मारलीवार, त्रिवेणी, सिद्धार्थ की प्रमुख उपस्थिति में कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
सरिता लाकूडकर ने कार्यक्रम मे मराठी लावणी का तडका लगा कर उपस्थितों को झूमने के लिये मजबूर किया। संस्कृती राजहंस ने कार्यक्रम का आरंभ अधरम मधुरम धार्मिक नृत्य के साथ किया। रंगारंग कार्यक्रम में रफी साहब के स्मरण में " इशारो इशारो मे दिल लेने वाले, दिल कहे रूक जा, अजी रुठकर अब, ये दिल तुम बिन कही लगता नही, मेरे ढोलना, तेरी आखो के सिवा, सौ साल पहले मुझे तुमसे प्यार था, अखियन संग अखिया लागे, पल पल दिल के पास, तू इस तरह से मेरे जिंदगी मे शामिल है,
जब दिप जले आना, उनसे मिली नजर की, लागी छुटे ना, जुबा पे दर्द भरी दास्ता चली आयी ऐसे एक से बढकर एक नगमे गा कर समा बांध दिया। गायक कलाकारों में भिमराव ढोणे, संगीता ढोणे, ऋषिकेश ढोणे, साची अवसरमोल, के.सिद्धार्थ, भोजराज तायडे, संजय दारोकर छोटू शेंडे, निलेश पाटील, दिपक कडू , ओम पॉल, अरुणा कुंडे, वैशाली तळवेकर ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम का संचालन परेश भेले और नंदिनी शिंदे ने किया। आभार अमोल एदलाबादकर ने व्यक्त किया। उक्त जानकारी संयोजक मधुकर गुंडलवार ने दी।