अंतरंग में परिचर्चा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम
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नागपुर।विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम अंतरंग महिला चेतना मंच* के मासिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में हिंसक होता समाज -ज़िम्मेदार कौन? एवं सावन के उपलक्ष्य में रिमझिम फुहार - सावन की बहार सांस्कृतिक कार्यक्रम में गीत एवं नृत्य की प्रस्तुति का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुई। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ दीपाली पानगांवकर जो प्रमाणित काउंसलर एवं मनोवैज्ञानिक है का स्वागत अंगवस्त्र तथा स्मृति चिन्ह देकर किया गया । कार्यक्रम का संयोजन एवं शानदार संचालन अंतरंग संयोजिका शगुफ़्ता काज़ी ने किया।
कार्यक्रम के पहले चरण में हिंसक होता समाज - ज़िम्मेदार कौन ? विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में रीमा दीवान चड्ढा ने विषय पर प्रकाश डाला। वक्ताओं में कविता शाह, शिवानी सिंह, पुष्पा पांडे, डॉ स्वर्णिमा सिन्हा, जिगिशा शाह, मेघा अग्रवाल, माधुरी राउलकर, सुरेखा खरे, शारदा परांजपे , रश्मि मिश्रा, धृति बेडेकर, आराधना शर्मा, रश्मि मिश्रा आदि सखियों ने अपने विचार व्यक्त किये। मुख्य अतिथि ने अपने वक्तव्य में रिश्तों के विविध पहलुओं एवं आयाम पर प्रकाश डाला। उन्होंने हिंसक होते समाज के मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में रिमझिम फुहार - सावन की बहार सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत सावन के गीत एवं नृत्य प्रस्तुतियां दी गईं। हेमलता मिश्र मानवी, सुषमा शर्मा , अमिता शाह, पूनम पड़िया , ऋतु आसाई, सरिता खंडेलवाल, सुषमा भांगे, नंदिनी सुधामल्लै, अर्चना चौरसिया, दीप्ति पंड्या, भारती रावल आदि सखियों ने सावन के गीत प्रस्तुत कर समा बांध दिया। संगीता घई, संजीता गुप्ता , लक्ष्मी वर्मा, शुभांगी वाघ, रेणु मालवीय आदि सखियों ने शानदार नृत्य प्रस्तुत किए। आभार प्रदर्शन सह संयोजिका रेशम मदान ने किया।