केंद्रीय हिंदी संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक प्रो. गंगाधर वानोडे का सेवानिवृत्त समारोह
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नागपुर/हैदराबाद। केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक प्रो. गंगाधर वानोडे की सेवानिवृत्त के अवसर पर विदाई समारोह का आयोजन 31 जुलाई, 2025 को हैदराबाद केंद्र पर किया गया। सर्वप्रथम हिंदी के प्रति समर्पित प्रो. गंगाधर वानोडे एवं श्रीमती शीला गंगाधर वानोडे का मंच पर स्वागत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. चंद्रदेव कवडे, अध्यक्ष, हिंदी प्रचार सभा, नामपल्ली, हैदराबाद एवं मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. सोनबा साल्वे, डीन, फैकल्टी ऑफ आर्ट्स, इफ्लू, हैदराबाद एवं सम्मानित अतिथि के रूप में डॉ. रेखा रानी, डॉ. सुमनलता तथा डॉ. अनीता गांगुली मंच पर उपस्थित रहीं।
अपने स्वागत भाषण में प्रभारी क्षेत्रीय निदेशक डॉ. फत्ताराम नायक ने कहा कि वह 2024 से संस्थान से जुड़े हैं और इस दौरान उन्हें डॉ. गंगाधर वानोडे के स्नेहिल सान्निध्य में बहुत कुछ सीखने को मिला। वानोडे जी अनुशासनप्रिय एवं व्यक्तित्व के धनी तथा उनका कार्यकाल एक सफल प्रशासक के रूप में सदैव स्मरणीय रहेगा। तत्पश्चात हैदराबाद केंद्र के कर्मचारियों ने स्मृति चिह्न भेंट किए। सम्मान क्रम में विविध साहित्यिक संस्थाओं की ओर से सम्मानित किया गया।
युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच, साहित्य सेवा समिति, कादंबिनी क्लब, अफगानिस्तान के विद्यार्थी फहीम जलांद, अर्मेनिया से आलिना, विविध महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों से डॉ. वानोडे जी को सम्मानित किया गया। तेलंगाना के विविध राजभाषा अधिकारियों ने सम्मानित किया। केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा और दिल्ली की ओर से सर का सम्मान किया गया। नगरद्वय के हिंदी प्रेमियों, साहित्यकारों, प्राध्यापकों तथा विविध साहित्यिक संस्थाओं की ओर से डॉ. गंगाधर वानोडे जी को सेवानिवृत्ति के उपलक्ष्य में शुभकामनाएँ प्रेषित की।
केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के उपाध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र दुबे ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि वानोडे जी के कार्य और संस्थान के प्रति उनका समर्पण हमेशा याद किया जाएगा। उनकी कार्यकुशलता एवं आगामी भविष्य की शुभकामनाएं प्रेषित की। संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील बाबुराव कुळकर्णी ने डॉ. वानोडे द्वारा संस्थान के प्रति किए गए कार्यों की सराहना की तथा उनके आगामी जीवन के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की।
डॉ. अनीता गांगुली ने डॉ. वानोडे जी की कर्मठता को सराहा। उन्होंने केंद्रीय हिंदी संस्थान के हैदराबाद केंद्र के नवभूमि निर्माण के पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला तथा तेलंगाना सरकार की सराहना की तथा हिंदी की इस संस्था की ओर से निकलने वाली ‘समन्वय दक्षिण‘ को भी रेखांकित किया।
तेलंगाना साहित्य भारती की पूर्व प्रदेश प्रभारी डॉ. सुरभिदत्त ने कहा कि तेलंगाना की कई हिंदी साहित्यिक यात्राओं को गति प्राप्त हुई। राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त हिंदी लेखक, अधिकारी साकेत सहाय ने शुभकामनाएँ प्रेषित की। पूर्व राजभाषा अधिकारी डॉ. वेंकटेश्वर राव ने उन्हें अजातशत्रु कहा। इफ्लू से प्रो. रेखा रानी ने कहा कि प्रो. वानोडे जी एक समर्पित संयमी व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति हैं। भावी कर्मचारियों को भी उन्होंने सतत प्रेरित किया है। इफ्लू से डॉ. प्रियदर्शिनी ने उनके मैराथन नवीकरण पाठ्यक्रमों को संचालित करने के लिए बधाई दी।
केंद्र की कार्यालय अधीक्षक डॉ. राधा ने कहा कि गंगाधर जी ने सभी को परिवार समझकर प्यार एवं सम्मान दिया। उनकी कार्यप्रणाली से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए तथा उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। संस्थान के अतिथि प्रवक्ता डॉ. दीपेश व्यास ने डॉ. गंगाधर जी को संस्थान द्वारा दिया गया प्रशस्ति पत्र पढ़ा तथा उनके साथ अपने कार्य अनुभव प्रकट किए। संस्थान के पुस्तकालय लिपिक श्री सजग तिवारी ने वानोडे जी के अनुशासन तथा उनके द्वारा संस्थान के प्रति किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजीव सिंह ने किया तथा आए हुए सभी सम्मानित अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन संस्थान की कार्यालय अधीक्षक डॉ. राधा ने किया।