गणेश पूजन तथा श्रेष्ठ समय
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भाद्रपद मासे शुक्ल पक्षे चतुर्थी तिथि बुधवार दिनांक २७ अगस्त २०२५ ई. को मध्यकाल में चतुर्थी होने से गणेश चौथ (महागणपति चतुर्थी) इस दिन मनाए जाएंगे जिससे प्रथम पूजनीय गणेश जी का जन्मोत्सव घर-घर पूजा करके मनाया जाता है शास्त्र में गणेश जी का पूजन का श्रेष्ठ समय मध्यकाल वृश्चिक लग्न सहित
श्रेष्ठ बताया है जो की २७ अगस्त२०२५ बुधवार
सुबह लाभ बेला : ०६ :४५ से ०७ :४४ तक
सुबह अमृत बेला : ०७:४४ से ०९:१८ तक
सुबह शुभ बेला : १०:५३ से १२:२८ तक
दोप. मध्यकाल वृश्चिक लग्न १२:२३ से ०२:३९ तक
दोप. चंचल बेला : ०३:३८से ०५:१३तक
शाम. लाभ बेला : ०५.१३से ०६ :४८ तक
जिसमें गणेश जी का पूजन किया जाता है।गणेश जी का जन्म मध्यान्ह में हुवा है अभी जातक मध्यान्ह में गणेश जी महाराज की स्थापना प्राण प्रतिष्ठा करे। गणेश जी महाराज का जन्म उत्सव में किसी भी प्रकार का भद्रा आदि का दोष नही होता है। सभी लोग गणेश जी महाराज के जन्म उत्सव को धूमधाम से मनाइये किस प्रकार करे गणेश जी का पूजन एक चौकी पर पीले तथा लाल वस्त्र बिछाइये उस पर चावल का स्वास्तिक बनाकर उस पर भगवान श्रीगणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करें।
कलश की स्थापन करे फिर पंचोपचार व षोड्षाचार गणेश का पूजन करें। विशेष रूप से गणेश जी को ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का जाप करते हुए, २१ मोदक नेवैद्य ,२१ तार की दुर्वा, शमीपत्र, लाल फूल,फल, मिष्ठान आदि चढ़ावे।
टिप : गणेश जी स्थापना हेतु वृश्चिक लग्न सहित मध्यान्ह काल१२.२३ से ०२.३९ करना करना श्रेष्ठ रहेगा।
- पंडित करण गोपाल पुरोहित (शर्मा)
पुराना कॉटन मार्केट, अमरावती