भारतीय संस्कृति में त्योहारों का महत्व की जानकारी से लाभान्वित हुए ज्येष्ठ नागरिक
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नागपुर। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम अभिनंदन मंच (ज्येष्ठ नागरिकों का सम्मान) के अंतर्गत कार्यक्रम में ‘भारतीय संस्कृति में त्योहारों का महत्व’ से लाभान्वित हुए ज्येष्ठ नागरिक। कार्यक्रम के प्रमुख अथिति हेम कुमार ब्रम्हा प्रसाद चतुर्वेदी समाज सेवक नागपुर, विशिष्ट अतिथि देवी प्रसाद तिवारी इनकमटैक्स सेवानिवृत नागपुर का सत्कार मोमेंटो द्वारा बच्चू पांडे, विजय तिवारी ने किया।
इस कार्यक्रम का आयोजन हिंदी मोर भवन रानी झांसी चौक में किया गया. प्रमुख अतिथि हेम कुमार ब्रम्हा प्रसाद चतुर्वेदी ने अपने उद्बोधन से विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम अभिनंदन मंच के आयोजकों की सराहना की। इस तरह कार्यक्रम के विषय रखने से आने वाली पीढ़ी को अपने त्योहारों की संस्कृति से सीख मिलेगी। विशिष्ट अतिथि ने भारतीय संस्कृति में त्योहारों का महत्व पर कितना गहरा असर पड़ेगा इस पर अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम का संचालन डॉ कृष्ण कुमार द्विवेदी ने किया। ज्येष्ठ नागरिकों ने अपने विचार साझा किए। जिसमें सर्वप्रथम विजय तिवारी ने कहा प्रत्येक त्यौहार के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी। जगत वाचपेई ने राष्ट्रीय त्यौहार मानते समय पंद्रह अगस्त और छब्बीस जनवरी को झंडा किस प्रकार से चढ़ाया जाता है उसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
धीरज हरी शंकर दुबे ने चैत्रमास के त्यौहार पर अपने विचार रखे। माया शर्मा ने कहा त्यौहार मनाने की परम्परा हमारे पूर्वजों से ये प्रथा चली आ रही है। यही हमारी संस्कृति की देन है। अनीता गायकवाड़ ने कहा त्यौहार मनाने से घर में जो अपार खुशी मिलती है। उसका बखान किए बिना रह नहीं सकते। रमेश मौदेकर ने कहा भारतीय त्यौहार मनाने से उत्साह मिलता है।
हेमंत कुमार पांडेय ने अपने वक्तव्य में कहा कारवां चौथ, गुरु पूजन , व्यास पूजन, सरस्वती वंदना छोटे त्यौहार भी उतना ही महत्वपूर्ण है। लक्ष्मीकांत कोठारी ने त्योहारों को कैसे मनाया जाए इस पर अपने विचार व्यक्त किए। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अमिता शाह, धीरज शुक्ला,संजय सोनकर, राजीव गायकवाड़, अशोक कुमार शुक्ला, रमेश दुबे, दिनेश बागड़ी, प्रकाश साबले, शत्रुघन तिवारी, अनिल सिंह, सुनील तिवारी ने योगदान दिया। आभार विजय तिवारी ने किया।