रक्षाबंधन पर राखी बांधने का समय
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श्रावण शुक्ल पूर्णिमा शनिवार ०९ अगस्त, २०२५ ई. को पूर्णिमा तिथि दोपहर ०१ बजकर २५ मिनट तक होने से रक्षाबंधन का त्योहार पूरे दिन मनाया जायेगा। शास्त्रानुसार रक्षाबंधन का कर्त्तव्य भद्रा रहित तीन मुहूर्त व्यापिनी पूर्णिमा के दिन अपराह्न या प्रदोष काल में किया जाना श्रेष्ठ बताया गया है अर्थात् रक्षाबंधन में भद्रा टाली जाती है, जो इस बार संपूर्ण दिन नहीं है। अतः इस वर्ष ०९ अगस्त २०२५ , शनिवार को अपराह्न काल का समय दोपहर बाद ०१-से सायं ०४ से २८ बजे तक तथा प्रदोष काल का समय सायं ०७ से ०५ से रात ०९से १६ बजे तक राखी बांधन का समय सर्वश्रेष्ठ रहेगा।
श्रावण शुक्लपक्ष पूर्णिमा शनिवार 9 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन और श्रावणी पर्व है.
भद्रा नहीं है. पञ्चाङ्ग के अनुसार दिन में सौभाग्य योग में पूर्णिमा तिथि दोपहर ०१:२५ बजे तक, श्रवण नक्षत्र दोपहर ०२:२४ बजे तक और सर्वार्थसिद्धि योग भी दोपहर ०२:२४ बजे तक रहेगा. राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र आदि अनेक राज्यों में इस पर्व के लिए शास्त्रोक्त कर्मकाल (अपराह्न व प्रदोष काल) का इंतजार नहीं कर यह परम्परा बनी हुई है कि प्रातःकाल से ही रक्षाबंधन का कर्त्तव्य निभाना शुरु कर देते है।
उनके लिए राखी बांधने का श्रेष्ठ समय सुबह. ०७:४९ से ०९:२७ तक शुभ वेला
दोप .१२:१७ से ०१:०९ तक अभिजीत वेला
दोप. १२:४३ से ०२:२१ चंचल,वेला
दोप.०२:२१ से ०५:३७ तक लाभ अमृत वेला तथा चौघड़िये में उत्तम रहेगा।
सूण मांडणा - शुक्रवार, दि. ०८ अगस्त २०२५ सुबह : ०६:०१ मि. से १०:५२ मि. दोप.१२:०३ मि. से ०२:०६ मि.तक हैं, सूण जिमाणा सोमवार, दि.०९/ ०८/ २०२५ सुबह ०७:३८ से ०९:9५ मि. तक श्रेठ है।
- पंडित करण गोपालजी पुरोहित (शर्मा)
पुराना कॉटन मार्केट, अमरावती, महाराष्ट्र