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एल. ए. डी. कॉलेज में कराटे एवं आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिबिर


युवतियों में फिटनेस, अनुशासन और आत्म-सुरक्षा की भावना विकसित करने के उद्देश्य से एल. ए. डी. कॉलेज, शंकर नगर तथा एल. ए. डी. कॉलेज, सेमिनरी हिल्स, नागपुर में कराटे एवं आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिबिर का आयोजन किया गया। यह शिबिर 18 से 23 अगस्त 2025 के दौरान आयोजित हुआ, जिसमें कुल 650 छात्राओं ने भाग लिया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को शारीरिक तकनीकों के साथ-साथ मानसिक दृढ़ता और आत्मविश्वास प्रदान करना था, जिससे वे आज के समाज में आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकें।


विशेषज्ञ मार्गदर्शन और प्रशिक्षण सत्र - 

यह प्रशिक्षण शिविर प्रख्यात कराटे एवं आत्मरक्षा प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ : शिहान राजन पिल्लै – कराटे के वरिष्ठ गुरु एवं प्रशिक्षक, सेंसई गौतम गोडबोले – कराटे एवं आत्मरक्षा तकनीकों के विशेषज्ञ, सेंसई राजू दहिकर – शारीरिक प्रशिक्षण एवं कॉम्बैट तकनीकों के जानकार,
कोच सेनपाई प्रणय रामटेके – जिन्होंने तकनीकी पहलुओं पर विशेष प्रशिक्षण दिया।
इनके साथ युवा एवं ऊर्जावान प्रशिक्षकों की टीम - वेदांत ठाकरे, अनुपूर कुलकर्णी, विधि बगडे, मायुरी राऊत, रुपाली पाटिल, प्रांजल लादेकर तथा अंजलि पांडे ने छात्राओं को व्यक्तिगत मार्गदर्शन देते हुए विभिन्न कराटे तकनीकों और आत्मरक्षा के व्यावहारिक उपाय सिखाए।


शिबिर की प्रमुख गतिविधियाँ - 

सप्ताहभर चले इस शिविर में छात्राओं को प्रशिक्षण दिया गया : कराटे की मूलभूत मुद्राएँ, प्रहार और रक्षात्मक तकनीकें, आम परिस्थितियों में आत्मरक्षा के व्यावहारिक उपाय, आत्मविश्वास एवं प्रतिक्रिया क्षमता बढ़ाने के अभ्यास, एकाग्रता एवं मानसिक संतुलन हेतु श्वसन क्रियाएँ,
अनुशासन और टीम भावना को प्रोत्साहित करने वाली समूह गतिविधियाँ।
प्रशिक्षकों ने छात्राओं को वास्तविक परिस्थितियों में आत्मरक्षा की उपयोगिता समझाई और हर एक को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।

सहयोग और समन्वय - 

इस शिविर की सफलता में सुश्री काजल टेकाडे और सुश्री प्रगति उईके का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। उनके समर्पण और सहयोग से प्रशिक्षण का आयोजन सुचारू रूप से सम्पन्न हुआ। पूरे कार्यक्रम को प्राचार्या डॉ. पूजा पाठक का सतत प्रोत्साहन प्राप्त हुआ। उनकी प्रेरणादायी उपस्थिति ने प्रशिक्षकों और छात्राओं का उत्साह दोगुना किया। शिविर का समन्वय शारीरिक शिक्षा एवं क्रीड़ा विभाग की प्रमुख, सुश्री नीलिमा वाघमारे ने किया। उनके कुशल मार्गदर्शन और सूक्ष्म योजना से छात्राओं को इस प्रशिक्षण का अधिकतम लाभ प्राप्त हुआ।

शिबिर का प्रभाव - 

यह आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर केवल शारीरिक कौशल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने छात्राओं में आत्मविश्वास विकसित किया, सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई, अनुशासन एवं आत्म-नियंत्रण की भावना मजबूत की, स्वास्थ्य एवं फिटनेस को प्रोत्साहित किया। यह पहल छात्राओं को सशक्त, आत्मनिर्भर और जागरूक बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम सिद्ध हुई।
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