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डॉ. अनीता टेकाड़े 'लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय नारी शक्ति पुरस्कार' से सम्मानित


सुनील शास्त्री के हाथों से शॉल, पुरस्कार (स्मृति चिन्ह) और प्रमाण पत्र स्वीकार करती डॉ. अनीता टेकाड़े हुई दिखाई दे रही हैं, साथ में मंगतराम सिंघल, अर्चना त्यागी, सांसद ममता महंत और उदय टेकाडे निदेशक एम.जे. कॉलेज सीताबर्डी नागपुर।

नागपुर/दिल्ली। 25वें 'राष्ट्रीय नारी शक्ति पुरस्कार' कार्यक्रम में देशभर से 1039 आवेदन प्राप्त हुए। जिनमें से विभिन्न क्षेत्रों की 41 निपुण महिलाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संयोजन एवं अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद त्यागी एवं अर्चना त्यागी ने की। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र सुनील शास्त्री, सांसद अजंद लोधी, सांसद ममता महंत, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, पूर्व मंत्री मंगतराम सिंघल, विधायक राजकुमार भाटिया, पुलिस कमिश्नर संजय पटजोशी, उदय टेकाडे संचालक श्री साई ताज पॉलीटेकनिक वाडी नागपुर, पुरण मेश्राम पूर्व कुलसचिव रातूम विद्यापीठ नागपुर, प्रा. प्रदीप ढोबळे अध्यक्ष ओबीसी सेवासंघ महाराष्ट्र प्रमुखतासे उपस्थित रहे। 


डॉ. अनीता उदय टेकाड़े, प्राचार्य, महालक्ष्मी जगदंबा महाविद्यालय, भगिनी मंडल, सीताबर्डी, नागपुर, साथ ही श्री साई ताज पॉलिटेक्निक, द्रुग्धमना, उदय फिजियोथेरेपी मेडिकल कॉलेज, वाडी, पार्श्वनाथ पब्लिक स्कूल, वाडी की निदेशक को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा शैक्षिक, सामाजिक, कला, सांस्कृतिक, वृक्षारोपण और महिलाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए 'लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय स्त्री शक्ति सम्मान पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र द्वारा 30 अगस्त, 2025 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित 25वें राष्ट्रीय सम्मान समारोह में प्रदान किया गया।

इस अवसर पर बोलते हुए सुनील शास्त्री ने लाल बहादुर शास्त्री के आदर्श वाक्य को जोड़ते हुए उल्लेख किया कि आज 'जय जवान, जय किसान, जय इंसान' कहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में मानवता बहुत निम्न स्तर पर पहुंच गई है और जय इंसान की भावना को जागृत करना आवश्यक है। एक महिला सौतेली नहीं बल्कि पूरी भाई होती है और उनकी मां ललिता शास्त्री के सहयोग के कारण ही लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बन सके थे। 

उन्होंने कहा कि हम हर साल राष्ट्रीय स्त्री शक्ति सम्मान पुरस्कार देते हैं ताकि हर सफल पुरुष के पीछे एक महिला की भागीदारी अधिक उजागर हो। भारत में कई लेखकों ने लाल बहादुर शास्त्री पर किताबें लिखी हैं क्योंकि वह प्रधानमंत्री थे, लेकिन उन्होंने कहा कि मैं अपनी मां ललिता शास्त्री पर एक किताब लिख रहा हूं। मैं दुनिया को बताना चाहता हूं कि मेरी मां भी मेरे पिता की तरह महान थीं। 

इस अवसर पर डॉ. अनीता टेकाड़े ने कहा कि यह राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने से शिक्षा और समाज सेवा के प्रति उनका उत्साह बढ़ा है। इस अवसर पर नागपुर में उल्लेखनीय कार्य करने वाली डॉ. राजश्री पूरन मेश्राम (शिक्षा), श्रीमती प्रणिता प्रदीप ढोबले (लेखिका), प्रो. प्रीति मनोज जाधव (खेल, साइकिलिंग), श्रीमती साधना योगेश पापड़कर (समाज सेवा) को इस राष्ट्रीय स्त्री शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया। 
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