सप्तरंग महिला चेतना मंच द्वारा 'भारतीय त्योहार के श्रद्धा सुमन पितरों को' पर परिचर्चा
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नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम सप्तरंग महिला चेतना मंच के मासिक कार्यक्रम की श्रृंखला में पितृपक्ष के उपलक्ष्य में 'भारतीय त्योहार के श्रद्धा सुमन पितरों को' इस शीर्षक की परिचर्चा की गई पूर्व की आत्मा की शांति तृप्ति और मोक्ष के लिए किया गया अनुष्ठान और डीएनए को विस्तार से बताया। डीएनए के डी का मतलब दादा और एन का मतलब नाना और ए का मतलब आत्मा नाना दादा के जिन से उत्पत्ति यानी पिता के ब्ल्ड और माता के दूध से हम बनें हैं। हमारी नई पिढियों को पितृपक्ष में होने वाले श्रद्धा पूजा की विस्तृत जानकारी देना अति आवश्यक है। हमारी मुख्य अतिथि डॉ नीतू सिंह और विशेष अतिथि डॉ. प्रेमलता तिवारी दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम की श्री गणेशाय की। उमा हरगन के द्वारा सरस्वती वंदना किया गया।
अंतरंग संयोजिका श्रीमती शगुफ्ता काजी एवं अंतरंग सह- संयोजिका श्रीमती रेशम मदान मंचासिन थी। डॉ प्रेमलता विजय तिवारी ने पितरों को मान सम्मान कैसे मिले। साहब से ही बलपतृरी महिमा परिचर्चा द्वारा हमारी भारतीय संस्कृति के पितृ पक्ष के आयामों से रूबरू कराईं सर्व श्रीमती रजनी कौशिक, जिगिशा शाह, शिवानी सिंह, विशाखा खंडेलवाल, रेशम मदान, किरण हटवार, संतोष बुधराजा, अमिता शाह, रश्मि मिश्रा, सुषमा भांगे। डॉ नीतू सिंह ने महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष प्रकाश डाला और महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य के लिए 'मी टाइम' को बताया। स्वास्थ्य क्विज में भाग लेने वाली सखियां सर्व श्रीमती माधुरी राउलकर, छवि चक्रवर्ती, आरती पाटिल, देशपांडे, शारदा मिश्रा, अनीता गुप्ता, पूनम पाड़िया, सुषमा शर्मा, अर्चना चौरसिया, छाया जिगिसा शाह, नीता शर्मा, शारदा परांजपे थीं। सूजाता दुबे ने आभार जताया।