विमुक्त एवं भटके जाती का एल्गार
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समाज को आर्थिक शिक्षा क्षेत्र में न्याय की मांग
नागपुर। विमुक्त एवं भटके जाती, जनजाती का एल्गार नवप्रतिभा हायस्कूल सक्करदरा मे अखिल भारतीय विमुक्त एवं घुमंतू जनजाती वेलफेअर संघ नई दिल्ली महाराष्ट्र प्रदेश शाखा नागपूर की ओर से इस सभा का आयोजन किया गया। समाज को सामाजिक, आर्थिक और शिक्षा क्षेत्र मे न्याय मिलना चाहिए इसलिए शक्ती प्रदर्शन होना जरुरी है यह विचार सभा मे उपस्थित पदाधिकारियो ने सभा के सामने रखे। केंद्र शासन एवं राज्य शासन भटकी जमात और विमुक्त जाती को आश्र्वासित कर रही है मगर सरका रको इस समाज के समस्या ग्रसित लोगों के तरफ ध्यान देने के लिये वक्त नही मिल रहा है।
बाळकृष्ण रेनके आयोग, दादासाहेब इदाते आयोग, रोहिणी आयोग, मनमोहन सिंह प्रधान मंत्री थे उस वक्त गठित समिती एवं उपसमिती की सिफारिश से और अन्य आयोग के रिपोर्ट काफी सालो से प्रलंबित है वह लागू होना चाहिए और यह समाज भारत का मुल निवासी आदिवासी समुहका एक घटक है फिर भी आज तक दुर्लक्षित है! उपरोक्त आयोग और समिती उपसमिती की सिफारिश लागू करने से इनकी सामाजिक, शैक्षणिक उन्नती हो सकती है आज भी इस समाज के लोग सामाजिक विषमता से जुझ रहे है। बच्चे शिक्षा से वंचित है। रोजगार के लिये समाज आज भी भटक रहा है।
क्या देश को और अन्य समाज घटकों को इनकी जरुरत नही है? इनके जीवन मे आज भी सामाजिक अस्थिरता है इसलिए नागपूर अधिवेशन के समय शक्ती प्रदर्शन होना चाहिए यह विचार डॉ आनंदराव अंगलवार के नेतृत्व मे महेंद्र पारसे, अध्यक्ष कहार समाज संघटना, दीपक नागपुरे, अध्यक्ष नागपूर जिल्हा, बबलू दूधबर्वे, अध्यक्ष विदर्भ ग्लोबल कहार संघटना, मधुकर गुंडलवार कार्यकारी अध्यक्ष नागपूर शाखा, योगेश मार्चटवार उपाध्यक्ष सचिन भारद्वाज रामटेक, सलीम सय्यद, मदारी समाज संघटना, जितेंद्र कुबडे पदाधिकारी महासंघ ने विचार व्यक्त किए और आने वाले दिनो मे बडा आंदोलन करने की चेतावनी दी। अगर सरकार भटकी और विमुक्त जाती/ जनजाती की समस्या के तरफ ध्यान नही देगी तो जनआंदोलन करना होगा, इसलीये सभी समाज बांधव और महिलाये आंदोलन मे सम्मिलीत होनेकी तैयारी करे यह विचार डॉ.आनंदराव अंगलवार ने व्यक्त किये। यह जानकारी नागपूर कार्यकारी अध्यक्ष मधुकर गुंडलवार ने दी।

