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जिंदगी से दोस्ती कर लिजिये...

जिंदगी से दोस्ती कर लिजिये
बहुत नसीबों से ये पाई है।।
कितनी योनियों से गुज़र आज
इंसान जन्म पा मुस्काई है।।

जिंदगी से दोस्ती कर लिजिये
बहुत नसीबों से ये पाई है।।

क्यों हार जिंदगी से मौत की 
इच्छा दिल मे जगाई है।।
अरे अपनों के बारे मे सोचो उनके
दिल मे तुम्हें देख खुशी समाई है।।

जिंदगी से दोस्ती कर लिजिये
बहुत नसीबों से ये पाई है।।

जिंदगानी मे आज नहीं तो कल
सफलता हर किसी के आई है।।
थोड़ा तो सब्र रखो जिंदगी मे
ये प्रकाश चहू ओर फैलाई है।।

जिंदगी से दोस्ती कर लिजिये
बहुत नसीबों से ये पाई है।।

मां ने नौमाह तपस्या की है क्यों
तपस्या का फल छिना है।।
हार मान के अपनी जिंदगी से
चीर दिया मां का सीना है।।

जिंदगी से दोस्ती कर लिजिये
बहुत नसीबों से ये पाई है।।

देखो हर छोटी बातों मे तुम
खुशियां ही खुशियां ढूंढ़ो।।
मिलेगी हर ओर तुम्को खुशियां
यही पाठ इस कविता से सीखो।।

जिंदगी से दोस्ती कर लिजिये
बहुत नसीबों से ये पाई है।।


- वीना आडवानी
नागपुर, महाराष्ट्र

काव्य 7635575951588559823
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