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माता पिता के आशीर्वाद का जीवन मे महत्व





इस लेख की प्रेरणा मुझे मेरे बाबुजी स्व. गोपीदासजी बागडी के जीवन याद करते रहते मिली। मेरे बाबुजी गृहस्थ मे रहते भी अपने जीवन मे संत थे।

  भगवान व हमारे बीच माता पिता है
  
हम सब भगवान की पुजा करते हैं व भगवान के मंदिर में जाते है। हमने भगवान को कभी देखा नहीं है लेकिन हमारे सबके दिल मे भगवान के लिए विश्वास, श्रद्धा, प्रेम हमेशा रहता है। उसी भगवान, कुदरत ने हमे इस दुनिया में भेजने का माध्यम माता पिता को बनाया है। 

हम इस दुनिया में हमारे माता पिता के माध्यम से आये हैं और हमारे माता पिता ने ही हमको चलना, बोलना सिखाकर दुनिया में रहने, जीने लायक बनाया है। इससें भगवान, कुदरत ने हमें एक संदेश भी दिया है कि भगवान और हमारे बीच मे हमारे माता पिता है अर्थात भगवान की पूजा से पहले माता पिता की सेवा करना, माता पिता का आशीर्वाद लेना जरुरी होता है।

     माता पिता की सेवा पासवर्ड है
     
हम हमारे मोबाइल को पासवर्ड डालकर लाँक कर लेते हैं। पासवर्ड टाईप करने से मोबाइल खुलता है। उसी तरह भगवान ने "माता पिता की सेवा" को हमारे अच्छे भविष्य, जीवन मे सुख, शांति, बरकत का पासवर्ड बनाया है। माता पिता का आदर करने, सेवा करने से हमारे अच्छे, सुखी भविष्य के रास्ते खुलते जाते है और हमें किसी दुसरे के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं होती।

हमारे जीवन की उपलब्धियों,खुशियों पर पहला अधिकार माता पिता का है


हमारे जीवन की हर उपल्बधि, खुशियों पर पहला अधिकार हमारे माता पिता का होता है। महाराष्ट्र में पंढरपुर के विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर की कहानी हमे यही संदेश देती हैं। पुंढरिक अपने माता पिता का अनन्य भक्त था व उसके भक्ति की परिक्षा लेने स्वयं भगवान पहुंचे।उस समय पुढंरिक अपने माता पिता के पैर दबा रहा था व पुंढरिक ने भगवान की तरफ ईट फेंक कर भगवान से उसके माता पिता के नींद आने तक उस ईट पर खडे रहकर इंतजार करने को कहा। 

उसी माता पिता की भक्ति के प्रतीक के रुप में भगवान विठ्ठल की कमर पर हाथ रखते खडी मुर्ति मंदिर में हम सबको संदेश देती हैं।  गुजरात के एक गांव में एक अत्यंत गरीब व्यक्ति ने अपने इकलौते पुत्र धनपाल को अपने अंतिम समय में बुलाकर सिर पर हाथ रख आशिष देते कहा कि "बेटा मैने सच्चाई, प्रामाणिकता से जीवन गुजारा व मेरे पास धन, दौलत नहीं है लेकिन मै तुझे आशिष देता हूँ कि तु हमेशा सुखी रहे, जिस काम मे भी हाथ डालेगा तुझे यश मिलेगा"। 

पिताजी के गुजरने के बाद धनपाल ने सडक पर बैठकर रोजमर्रा का सामान बेचना शुरू किया। धीरे धीरे उसने ठेला खरीदा,बाद मे दुकान खरीदी। काम बढता गया व धनपाल एक बहुत सफल थोक व्यापारी बन गया। शहर मे उसकी सफलता की चर्चा होने लगी परंतु धनपाल सबको कहता कि "यह सब मेरे पिताजी का आशीर्वाद से हो रहा है" लोग उसका उदाहरण देने लगे, कुछ उसे घमंडी समझने लगे। 

एक दिन उसने अपने मित्र से नुकसान करनेवाले व्यसाय की राय पुछी। उसके मित्र ने कहा कि लौंग अफ्रीका से आते है सो तुम यहां से लौंग खरीदकर अफ्रीका में जाकर बेचो।

धनपाल ने शहर के सारे लौंग खरीदकर जहाज में भरकर अफ्रीका के जंजवार द्वीप पर पहुंचा। लंगर लगाकर जैसे ही द्वीप पर उतरा सामने से बहुत सारे सिपाही अपने राजा के साथ आ रहे थे। राजा ने धनपाल से परिचय व आने का कारण पुछा। धनपाल ने बताया कि वह अपने पिताजी द्वारा दिये गये आशीर्वाद की सच्चाई परखने यहां आया है। 

धनपाल ने देखा की सभी सिपाहियों के हाथों में हथियारों की जगह बडी बडी छलनी थी। धनपाल ने राजा से सिपाहियों के हाथों में छलनी होने का कारण पूछा। तभी राजा ने बताया कि एक संत ने राजा को जादुई अंगुठी दी थी और वह अंगुठी रात मे समुद्र तट पर रेत में कही गिर गई हैं और सब सिपाही रेत छान छान कर उस अंगुठी को खोज रहे हैं। 

अचानक राजा ने धनपाल से कहा कि तुम्हारे पिताजी के आशीर्वाद की सच्चाई को तुम अंगुठी खोजकर परख सकते हो। धनपाल ने रेत  को मुठ्ठी भर कर उठाई और जैसे ही मुठ्ठी खोली अंगुठी का हीरा चमकने लगा। राजा बहुत खुश हुआ और धनपाल को अपने महल मे ले जाकर सत्कार किया व जहाज के सारे लौंग लेकर जहाज को रत्नों से भरकर रवाना किया।  

ऐसी अनेकों घटनाएं हमारे आसपास, परिचितों मे भी घटती रहती हैं लेकिन हम समझने की कोशिश नहीं करते, या समझ नहीं पाते।
सारांश मे हम यह कह सकते है कि माता पिता, पुर्वजों का आशीर्वाद संजीवनी होती हैं। जिस तरह समुद्र पर पुल बनाते समय वानर सेना पत्थरों पर "राम नाम" लिखने से पत्थर पानी में तैरने लगे उसी तरह माता पिता का आशीर्वाद हमको जीवन में यशस्वी बना सकते है। 

माता पिता, पुर्वजों का आशीर्वाद हमारे आसपास एक  सकारात्मक औरा, सुरक्षा चक्र,सुरक्षा कवच बना देते है जो हमें यशस्वी बनाते हैं तथा आने वाले दुर्घटनाओं से हमको बचाते हैं।

- शरद गोपीदासजी बागडी, नागपुर, महाराष्ट्र
(अंतरराष्ट्रीय - राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त लेखक व समाजसेवी)

राष्ट्रीय समाज सेवा रत्न २०२० पुरस्कार
माहेश्वरी आँफ द डिकेड २०२०-२१
राष्ट्रीय गौरव संम्मान २०१९,भोपाल
भारत श्री २०१९, दिल्ली
संपूर्ण क्रांति पुरस्कार २०१८,दिल्ली
Time's Business Education award 2018
जीवन गौरव संम्मान २०१७,
माहेश्वरी आँफ द ईयर २०१६,उज्जैन
समाज भुषण पुरस्कार २०१५,दिल्ली
Wealth Creator of Decade 2014, Mumbai

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