आचार्य प. नंदकिशोर पांडेय की मधुर वाणी में भागवत कथा
नरसिंह अवतार पर आचार्य प्रवर ने विस्तार बताया
नागपुर। कथा व्यास प. नंदकिशोर पांडेय की मधुर वाणी व नंदलाल भुरा हिरणवार के यजमानत्व में शारदा धाम, 20 रड़के लेआउट, हिंगा रोड में कथा आयोजित है।
द्वितीय दिवस ध्रुव चरित्र, शिव - सती चरित्र, जड़भरत चरित्र व नरसिंह अवतार पर आचार्य प्रवर ने विस्तार से कथा कहीं आचार्य ने कहा माया ही सारे बंधनों का कारण है। राजर्षि भरत को हिरण के बच्चे की माया में पड़कर हिरण की योनि में आना पड़ा। परवर्ती जन्म में जब वे अनासक्त भाव से जीवन - यापन करने लगे तब उनके भीरत ज्ञान का उदय हुआ।
उनके सहज, सरल, निर्विकार जीवन को देखकर सभी लोग उन्हें मूर्ख या जड़ समझते थे। इसीसे उनका नाम भरत से जड़भरत हो गया। बाहर से जड़बुद्धि प्रतीत होने पर भी उनके भीतर पर ज्ञान था। इसीलिए अंत भला तो सब भला। इस अवसर पर कथा प्रसंगनुसार भजनों की संगीतमयी प्रस्तुति में भक्त गण थिरकते रहे।
व्यास पूजन रविंद्र नंदलाल हिरणवार परिवार ने की। आज मन्वन्तर कथा, रामचरित्र, श्रीकृष्ण प्राकट्य व नंदोत्सव प्रसंग होगा। कथा समय दोपहर 2 से 5 तक रखा गया है। भागवत प्रेमी लाभ ले।