वकीलों की प्रतिभा दर्शकों ने सराहा...



हार्मोनी का 'लीगल नोट्स' कार्यक्रम हुआ रंगीन

नागपुर। कोर्ट कचेरी जैसे बेहद शुष्क काम करते हुए अपनी कला को जीवित रखना बहुत महत्वपूर्ण है। अदालतों में काम करने वाले ऐसे ही कुछ चुनिंदा वकीलों ने अपनी कला को संरक्षित किया और बढाया। उनकी प्रतिभा को हार्मोनी इवेंट्स द्वारा मंच प्रदान किया गया। 

कार्यक्रम 'लीगल नोट्स' में, वकीलों ने बहुत ही सुरिलों गीतों का प्रदर्शन किया और दर्शकोंने उनको सराहा। हार्मोनी इवेंट्स ने वकीलों के लिए एक विशेष शो, लीगल नोट्स, रविवार को आयोजन किया। कार्यक्रम की परिकल्पना हार्मोनी इवेंट्स के निदेशक राजेश समर्थ ने की थी। 

एड. राजेंद्र सानप, एड.  विनोद खोबरे, एड. प्रविण मानपे, एड. हेमंत बालेकर, एड. अभिमन्‍यू समर्थ, एड.  शर्मिला चारलवार और एड.  सिमरन नायडू इसमें सहभाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन 'सेव आर्ट सेव आर्टिस्ट' के तहत किया गया था। 

तुम आये तो आया इस गीत के साथ एड. सिमरन नायडू ने कार्यक्रम की शानदार सुरुवात की। रुक जाना नही तू कभी ये गीत एड. प्रवीण मानपे जबकि ऐ फुलों की रानी बहारो ये गीत एड. राजेंद्र सानप ने प्रस्‍तुत किया। एड. विनोद खोबरे ने रुख से जरा नकाब इस गीत की प्रस्‍तुती दी। अन्‍य गायकों ने आजा रे मै तो कबसे, जाने बहार हुस्‍न तेरा, फुलों के रंग से, एक अजनबी हसिना से, ये राते ये मोसम, उडे जब जब जुल्‍फे तेरी, जाने जा ढुंढता, जो वादा किया वो जैसे एक से बढकर एक सोलो और युगल गीत गायकोंने प्रस्‍तुत कर दर्शकों की वाहवाइ ली। 

कार्यक्रम का अंत विनोद खोबरे और सिमरन नायडू द्वारा गाए गए सुन बेलिये इस गीत के साथ हुआ। कार्यक्रम का मंच संचालन  श्वेता शेलगांवकर ने किया। इस कार्यक्रम में में विशिष्ट अतिथि के तौर पर डॉ. संजय चारलवार उपस्थित थे। 

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