जन्म शताब्दी वर्ष में अन्नभाऊ साठे को भारत रत्न दें
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को लहू सेना ने दिया निवेदन
नागपुर। अन्नभाऊ साठे के जन्म शताब्दी वर्ष में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाये ऐसा निवेदन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को निवेदन दिया गया। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया। महाराष्ट्र मराठी साहित्य में कई महान विचारकों और उच्च शिक्षित लेखकों ने अपने स्वयं के अनूठे और विविध साहित्य का निर्माण करके मराठी साहित्य को समृद्ध किया है।
इसी तरह, साहित्य रत्न अन्नभाऊ साठे ने भी कई लावणी, नाटके, पोवाडे, लघु कहानियों के 25 से 30 संग्रहों और 35 लंबे उपन्यासों को लिखकर मराठी साहित्य को समृद्ध बनाने में बड़ा योगदान दिया है। उनके उपन्यासों का 28 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है, जिनमें रूसी, स्पेनिश और फ्रेंच शामिल हैं और उनके साहित्य को राष्ट्रीय सम्मान मिला है।
इसलिए, साहित्य के क्षेत्र में अन्नाभाऊ साठे को एक विश्व - प्रसिद्ध लेखक के रूप में जाना जाता है। 2020 - 21 अन्नभाऊ साठे का जन्म शताब्दी वर्ष है। इस आशय का एक निवेदन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को लहू सेना प्रमुख संजय कठाळे के नेतृत्व में एक निवेदन दिया गया। प्रतिनिधिमंडल में जावेद पठान, दीपक गायकवाड़, महेंद्र प्रधान, राजू सोरगिले, मंगेश तायवाड़े, किशोर काले, शिव तायवाड़े, हेमंत खडसे, बाल्या खडसे शामिल हैं। लक्ष्मण पगारे, गणेश लोखंडे, कैलास कचेवार, सुरेश कावले, आदि उपस्थित थे।