बक्सवाहा को बचाने लिखा जाएगा खून से खत !
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नागपुर/मुंबई। बक्सवाहा जंगल बचाने हेतु पर्यावरण प्रेमी हर परिस्थितियों का सामना करने को तैयार हैं। हर वह परेशानी सहने को तैयार हैं जिससे बस बक्सवाहा जंगल को बचाया जा सके।
अब 'बक्सवाहा जंगल बचाओ अभियान' के तहत एक और कदम उठाया जा रहा है 'खून से खत' लिखने का।
डॉ धर्मेंद्र कुमार की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक का आयोजन कर 7, 8 और 9 अगस्त को इस अभियान को तेज गति प्रदान करने का फैसला लिया है। पर्यावरण प्रेमियों ने राष्ट्रपति और पीएम को खून से खत लिख कर जंगल बचाने की अपील करने का फैसला लिया है। बक्सवाहा जंगल को बचाना ही होगा। बक्सवाहा जंगल बचाने के लिए इस मुहिम में आप सब की भागेदारी अपेक्षित है। जंगल है तो हम हैं।
बक्सवाहा जंगल बचाने के लिए इस मुहिम में बड़ों के साथ बच्चे भी शामिल हो रहे हैं। बच्चों को भी अब इसकी समझ है कि जंगल काटने से नुकसान उन्हें भी सहना होगा। बक्सवाहा आंदोलन यूं ही नहीं थमने वाला। वृक्षारोपण करने के साथ-साथ वृक्षों को बचाना भी हमारी जिम्मेदारी है। पर्यावरण प्रेमियों ने सभी से अपील की है कि वह घर बैठे भी इस आंदोलन का हिस्सा बने जंगल बचाओ अभियान से जुड़कर अब युवा पीढ़ी को बचाना है। जंगल है तो हम हैं।
