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हिंदी और मराठी गीतों की बिखरी खुशबू


पारिजात और स्वरधारा कराओके समूह का कार्यक्रम

नागपुर। फूलों पर आधारित कई गीतों की रचना हिंदी और मराठी फिल्मों में की गई है। कुछ चुनिंदा गाने रविवार को गाए गए।

रविवार 25 जुलाई को दोपहर में पारिजात व स्वरधारा कराओके ग्रुप की ओर से मधुर गीतों का कार्यक्रम 'फुल तुम्‍हे भेजा है...' का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आयोजक प्रवीण भिवगड़े और शैला काचोले थे। गायक मनीष पाटिल और सूरज शर्मा मुख्य अतिथि थे। एंथनी नायडू, माधुरी पखमोड़े, सचिन म्हसकर, गीता बावनकर, तुषार रंगारी, माधव पटले, शालिनी सरोदे, ए.के. गांधी और आनंद अय्यर ने विभिन्न गीतों का प्रदर्शन किया। 

माधुरी पखमोड़े ने मराठी गाने 'मोगरा फुलाला' से कार्यक्रम की शुरुआत की। मनीष पाटिल ने किसी लड़की को देखा इस गाने को गाकर कार्यक्रम में रंग भर दिया, तो शैला काचोले ने अन्य गायकों के साथ एक ये दिल तुम बिन, ए मेरे हमसफार, फूल तुम्‍हे भेजा है खतमें, दिवाने है दिवानो को जैसे गीत पेश कर दर्शकों का मन मोह लिया। अकेले चले आओ, कुछ ना कहो, ये राते ये मौसम, जादू तेरी नजर, जैये कई गाने गायकों द्वारा प्रस्तुत किए गए।

कार्यक्रम का समापन मनीष पाटिल और शैला काचोले द्वारा प्रस्तुत गीत "जब कोई बात बिगड जाए" के साथ हुआ।
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