डेंगू के कारण रक्त की जबरदस्त कमी : सतीजा
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सावधान रहें, रक्तदान करें
नागपुर। एक ओर कोरोना के कम होते प्रभाव से राहत मिल रही है तो दूसरी ओर तीसरी लहर का डर भी बरकरार है. इस बीच तेजी से बढ़ रहे डेंगू के मरीजों की वजह से दहशत का माहौल है. डेंगू के इलाज में प्लेटलेट्स की भूमिका महत्वपूर्ण है. रक्तदान के क्षेत्र में सेवारत नरेंद्र सतीजा ने बताया कि इसी कारण रक्त का जबरदस्त अभाव है.
कोरोना, टीकाकरण एवं महाविद्यालयों के बंद होने के कारण रक्तदान पर विपरीत परिणाम हुआ है. अब डेंगू के प्रकोप से मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसी कारण रक्त की मांग भी बढ़ रही है. डेंगू से पीड़ित मरीज को काटने के बाद वह मच्छर दूसरे व्यक्ति को काटता है तो डेंगू होना स्वाभाविक है. लगभग एक सप्ताह के भीतर ही असर दिखाई देता है.
तेज बुखार, सरदर्द, बदन दर्द, उल्टियां होने अथवा शरीर पर लाल निशान पडने जैसे लक्षण होते ही डाक्टर को दिखाना जरूरी है. इसमें मरीज के रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या क्रमशः कम होती जाती है. बहुत अधिक कम अर्थात 20 हजार से भी कम होने पर दवाखाने में भर्ती करवाना और प्लेटलेट्स च़ढ़ाना ही पड़ता है. ऐसे संकट के समय रक्तदाता ही काम आते हैं.
इन दिनों ब्लड सेंटर रक्त की कमी से जूझ रहे हैं. इस हेतु रक्तदाताओं से संपर्क करना होता है. जरूरी है हम रक्तदान हेतु तैयार रहें. आखिर रक्तदाता ही जीवनदाता हेता है. साथ ही डेंगू से बचने सतर्कता बरतना जरूरी है.
