तुलसी पौधा नहीं, यह हिंदू संस्कृति की धरोहर है : रति चौबे
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हिंदी महिला समिति ने धूमधाम से मनाया तुलसी - विवाह
नागपुर। महाराष्ट्र की अग्रणी प्रतिष्ठित संस्था ने संस्था की अध्यक्षा श्रीमती रति चौबे की अध्यक्षता में 'तुलसी विवाह' खूब धूमधाम से मनाया। जयप्रकाश नगर में पूनम मिश्रा के निवास स्थान पर तुलसी के रुप में हंसाबेन, शालीग्राम के रुप में भावना ठुमरी एवं राधा के रुप में मीना तिवारी एवं कृष्ण के रूप मे ममता शर्मा का बहुत ही विधी विधान के साथ पंडित हरिओम तिवारी के हाथों विवाह करवाया गया।
जब मंगला चरण के संस्कृत में श्लोक उच्च स्वरों के साथ पंडित ने माइक पर गाकर उच्चारित किते तो वातावरण गुंजायमान हो गया। ऐसा लग रहा था मानों साक्षात देवता ही पृथ्वी पर अवतरित हो गए है। पवित्रता से परिपूर्ण माहौल में गठबंधन कर वर पक्ष व कन्या पक्ष की उपस्थिति में वचनों, मंत्रों व पुष्प वर्षा से विवाह को सम्पन्न करवाया गया।
जब हुई शंखध्वनि तो वातावरण में देवताओं की उपस्थिति का बोध हुआ। आयोजक रहे रति चौबे, पूनम मिश्रा, नीलम शुक्ला, ममता विश्वकर्मा, संयोजिका व संचालिका रही रति चौबे। आरम्भ 'मैं तुलसी हूं' मैं विष्णु प्रिया, जन्म - जन्म तक साथ रहेगा गीत के साथ रति चौबे ने किया।
प्रस्तावना नीलम शुक्ला ने दी, मधुराष्टकं रश्मि मिश्रा ने गाया, तुलसी के वैज्ञानिक, सामाजिक आध्यात्मिक रूप श्रीमती हेमलता मिश्र मानवी ने विचार दिये। राधाकृष्णन तुलसी शालीग्राम नृत्य व डांडिया पर पूरा पांडाल नाच उठा। सरोज गर्ग, निर्मला पांडे, सुरेखा खरे के भजन लुभा गए।
आभार सुषमा अग्रवाल मंचने ने दिया। लगभग 35 बहनें अनिता पुरोहित व विजया तोषनीवाल ने इस कार्यक्रम की शोभा गीतों व नृत्यों से बढ़ाई। अंत में हंसा पटेल ने अपने तुलसी रुप में संदेश दिया कि मैं तुलसी प्रदूषण समाप्त करती हुं, मुझे घर आंगन में लगाए। रति चौबे ने कहा पौधा नहीं यह हिंदू संस्कृति की धरोहर है जो जन्म जन्मांतर अमरत्व लिए रहेगी।
इस अवसर पर भोजन व्यवस्था पूनम मिश्रा ने भव्य रूप से की। कार्यक्रम में रेखा तिवारी, किरण हटवार, मीरा जोगलेकर, आरती पाटिल, लताखेडकर, उमा हरीश, रुबी, दया बुटोलिया, सरिता त्रिवेदी, पूनम बहल, रेशम, सुरेखा, वर्षा, रेखा व सुषमा अग्रवाल की विशेष उपस्थिति रही।