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उभरते सितारे में खुशियों के तराने


जीवन के धूप छांव को समझाने पर्व अनोखा योगदान देते हैं : अनंत पारधी

नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का उपक्रम उभरते सितारे, जिसमें खुशियों के तराने का शानदार कार्यक्रम आयोजित हुआ.

जीवन के धूप छांव का अपना अलग महत्व है, और यही महत्व समझाने के लिए भारतीय संस्कृति में पर्व अनोखा योगदान देते हैं. खुशियों भरा मन हर कार्य को सहज रूप से स्वीकार करता है और सफल होता हैै। इसीलिए बच्चों ने भी हर कार्य को खुशी-खुशी करने का प्रयास करना चाहिए. यह बात अपने उद्बोधन में अनंत पारधी ने बच्चों से कहा, जोकि कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उपस्थित थे. 

इनका स्वागत प्राचार्य प्रशांत शंभरकर ने किया. इस अवसर पर वैशाली मदारे का भी स्वागत किया गया.  तत्पश्चात, बच्चों में श्रेयांश वर्मा, दिशांत महामला और दक्ष बोकड़े ने दिलकश नृत्य किया. कु. आर्या संदीप भोंगाडे ने मजेदार ढंग से मिमिक्री की. 

मोहित ठाकुर, पूजा करमरकर, जियान आहूजा, सिद्धांत खापेकर, आरोही मेश्राम और किमया नन्हई ने खुशियों भरे तराने सुनाएं. अतुल सोहानी, मीनाक्षी केसरवानी, निशा ठाकुर, अंजलि बांगड़े, जोत्सना मांडवगडे, पल्लवी उधोजी, विकास पवार, सुनील भगत, शशीकांत बनकर, मंजिरी पौनीकर, कमल मोहाड़ीकर, कुंदा खापेकर, पूनम डोंगरे, पूजा तुमाने, रजनी बांद्रे, शुभम बिनेकर, 

वासंती काथोटे, संध्या  माहुले, रेखा जोशी और अपूर्व जोशी ने भी अपनी प्रस्तुति दी. नवोदित कलाकारों के प्रस्तुतीकरण को मीरा शर्मा, कृष्ण सोर, वासंती काथोटे, आनंद डोंगरे, अभिजीत बागल, लिपिका चक्रवर्ती, सीमा लूहा, बाबा खान, महेंद्र आगरकर, संतोष बुधराजा, 

अनामिका नाईक, शाश्वत गजभिए और रमेश अय्यर ने बहुत सराहा.  कार्यक्रम में वैशाली मदारे और घनश्याम नन्हई ने सहयोग किया. आभार कृष्णा कपूर ने माना. कार्यक्रम का संचालन युवराज कुमार ने किया. 
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