ग्रामीण विकास के सशक्त हस्ताक्षर हैं लोकनेता रणजीत बाबू देशमुख
नागपुर (राजेंद्र मिश्र' राज')। लोकनेता रणजीत बाबू देशमुख अमृत महोत्सव वर्ष 2022 के शुभ अवसर पर हम सभी हमारे लाडले एवं पूरे विदर्भ के लोकप्रिय लोकनेता श्री रणजीत बाबू देशमुख का सहृदय अभिनंदन करते हैं। लोकनेता रणजीत देशमुख अमृत महोत्सव आयोजन समारोह समिति का भी हम हार्दिक अभिनंदन करते हैं। सचमुच ही यह हम सभी के लिए अत्यंत प्रसन्नता एवं गर्व का विषय है। लोकनेता श्री रणजीत बाबू देशमुख विदर्भ के ही नहीं अपितु महाराष्ट्र के एक कद्दावार नेता, कांग्रेस के सच्चे सिपाही एवं शिक्षा महर्षि हैं।
विद्या शिक्षण प्रसारण मंडल नागपुर ने वर्ष 2021 में अपनी 50 वीं वर्षगांठ मनायी। शिक्षा क्षेत्र में यह एक अति प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था है, जिसने वट वृक्ष का रूप धारण कर विगत 50 वर्षों में पूरे नागपुर जिले में उल्लेखनीय सेवाएं प्रदान की। केजी से पीजी तक शिक्षा प्रदान कर रही इस संस्था के अध्यक्ष हैं 'शिक्षा महर्षि श्री रणजीत बाबू देशमुख'। मेडिकल, डेंटल एवं फिजियोथेरेपी कॉलेज का सफल संचालन करते हुए उन्होंने स्कूल एवं कॉलेज का भी संचालन किया।
ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को सीबीएसई बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूलों से शिक्षा सेवाएं उपलब्ध करा कर उन्होंने गांवों के विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्ति का मार्ग सुलभ कर दिया। अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल सावनेर, कटोल, कोंढाली, नरखेड, एवं जलालखेड़ा में अपनी पहचान बना चुकी है। स्टेट बोर्ड की स्कूलें भी शुरू की। बी. एड, बी. पी. एड, आय टी आय कॉलेज ने न जाने कितने स्टार खिलाड़ी दिये। लता मंगेशकर हॉस्पिटल भी शुरू किया। डीगडोह हिंगणा में स्थित इस हॉस्पिटल में अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हैं।
उन्होंने एक सच्चे जनसेवक की हैसियत से पूरे नागपुर जिले में शिक्षा एवं चिकित्सा सेवा मुहैया करायी। काटोल तालुका के छोटे से गांव वड़विहारा में एक प्रतिष्ठित देशप्रेमी परिवार में जन्मे रणजीत बाबू देशमुख ने मणिपाल विद्यापीठ मैसूर राज्य से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। 1968 में पिता अरविंद बाबू देशमुख के निधन के बाद उन्होंने राजनीति और सामाजिक सेवा में सक्रियता दिखलायी।
70 के दशक में नरखेड पंचायत समिति के चेयरमैन पद से उन्होंने अपने शानदार राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की। जमीं से जुड़े रणजीत बाबू ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस सचिव पद पर रहते हुए उन्होंने संघठक एवं प्रशासक के रूप में अपनी खास पहचान बनायी। फिर उन्हें महाराष्ट्र राज्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया। दूरदर्शिता और नियोजन बद्ध कार्य करने की उनकी शैली ही थी जिसकी स्वर्गीय इंदिरा गांधी, स्वर्गीय राजीव गांधी ने काफी सराहना की।
महाराष्ट्र राज्य में उनकी गिनती कद्दावार नेता के रूप में होती है। मंत्रिमंडल में अलग-अलग पदों पर कार्य करते हुए उन्होंने अपनी क्षमता से कांग्रेस पार्टी के आलाकमान को प्रभावित किया, संकट के दौर में भी वे निष्ठावान नेता बने रहे लोकनेता रणजीत बाबू देशमुख अमृत महोत्सव वर्ष में हम उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए परमेश्वर से उनके शतायु होने की प्रार्थना करते हैं। सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की तरफ से जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।