मोहब्बत
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नाम उसका मोहब्बत है ,
आतिश-ए-दरिया है
और चाहत डूब जाने की है,
हवाओं में जो सूरूर घोल दे,
ये वो साज़ है,
जो सातों सुर छेड़ दे,
रात रौशन,
फज़ा रंगीन,
दिन सुहाने,
सब हैं मोहब्बत के गवाह हमारे,
‘अदाʼ लिख फिर कोई गजल मोहब्बत के लिए,
एक तेरा नाम ही काफी है
मुक़म्मल-ए-गजल के लिए ।
- डॉ. तौकीर फतमा 'अदा'
कटनी, मध्य प्रदेश