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महाराष्ट्र सरकार ने 'लाइफ लाइन ब्लड सेंटर' नागपुर को किया सम्मानित


राज्य के सबसे बड़े रक्त केंद्र के रूप में किया नाम दर्ज

नागपुर। लाइफ लाइन ब्लड सेंटर, नागपुर को महाराष्ट्र राज्य रक्त संक्रमण परिषद, महाराष्ट्र सरकार द्वारा कोरोना महामारी के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने और पिछले ३ वर्षों में पूरे राज्य में सबसे अधिक रक्त संकलित करने के लिए राज्य के सबसे बड़े रक्त केंद्र के रूप में सम्मानित किया गया। 

राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन 'विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर १४ जून, २०२२ को दोपहर ३.०० बजे यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान सभागृह, नरीमन पॉइंट, मुंबई में आज़ादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में किया गया था। इस अवसर पर राज्य के दस प्रमुख ब्लड बैंक (पांच सरकारी एवं पांच अर्ध-सरकारी रक्त केंद्र), शताब्दी रक्तदाता एवं प्रमुख रक्तदान शिविर आयोजकों को सम्मानित किया गया।

महाराष्ट्र सरकार के तरफसे सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री राजेश टोपे और खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री राजेन्द्र शिंगाने इनके हस्ते यह पुरस्कार लाइफलाइन ब्लड सेंटर, नागपुर को मिला। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने वाला विदर्भ में
लाइफलाइन यह एकमात्र रक्त केंद्र है। इस समारोह में अनेक गणमान्य व्यक्ति एवं अधिकारी उपस्थित थे जैसे की राजेन्द्र पाटिल यड्रावकर, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री, डॉ. रामास्वामी एन. (आई.ए.एस), आयुक्त, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, डॉ. प्रदीप व्यास (आई.ए.एस), अपर मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य विभाग और अध्यक्ष, राज्य रक्त संक्रमण परिषद, डॉ. साधना तायडे, संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं और संचालक, राज्य रक्त संक्रमण परिषद, और डॉ. अरुण थोरात, सहायक संचालक, राज्य रक्त संक्रमण परिषद, मुंबई।

इस सम्मान को लाइफलाइन ब्लड सेंटर के संचालक डॉ. हरीश वरभे, डॉ. वनश्री वरभे, डॉ. हिमांद्री टोनपे, डॉ. विराज वरभे, डॉ. प्रतीक्षा वारभे और श्री प्रवीण साठवणे इन्होने स्वीकार किया। डॉ हरीश वरभे ने कहा कि इस तरह के सम्मान न केवल संतुष्टि लाते हैं बल्कि भविष्य में मरीजों और मानवता की सेवा के लिए कड़ी मेहनत और बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि लाइफ लाइन को कोरोना महामारी के दौरान किये उत्कृष्ट कार्यों के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं, जैसे नागपुर नगर निगम के महापौर दयाशंकर तिवारी द्वारा 'जीरो माइल आइकॉन अवार्ड' (आरोग्य रत्न) पुरस्कार'; केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा कोविड योद्धा पुरस्कार'; इंडियन सोसाइटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन के राष्ट्रीय सम्मेलन में राष्ट्रीय कोरोना योद्धा पुरस्कार'; पूर्व केन्द्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के द्वारा 'लोकमत टाइम्स हेल्थकेयर एक्सीलेंस अवार्ड' एवं मानद कलेक्टर, भंडारा, संदीप कदम, विभागीय आयुक्त, नागपुर श्रीमती वर्मा एवं आई.एम.ए. के तरफ से सम्मान पत्र इ.।

उपरोक्त सभी पुरस्कार लाइफलाइन ब्लड सेंटर द्वारा कोरोना महामारी के दौरान अपने कई योगदानों के लिए दिए गए; जैसे की; लाइफलाइन ब्लड सेंटर, नागपुर ने कोविड-१९ रोगियों के प्रभावी प्लाज्मा थेरेपी के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के अनुसार भारत का पहला आर.बी.डी. प्लाज्मा बैंक शुरू किया। और फिर लाइफलाइन ने कुल १६ एफेरेसिस / सेल सेपरेटर मशीनों (देश में सबसे अधिक) का उपयोग कर; १०० से अधिक प्लाज्मा दान शिविर (देश में सबसे अधिक) का किया और महाराष्ट्र राज्य में सबसे ज्यादा प्लाज्मा यूनिट संकलि किये (देश में दूसरे नंबर पर)। 

लाइफलाइन ने जिला कलेक्टर कार्यालय भंडारा में देश के सबसे बड़े प्लाज्मा दान शिविर का आयोजन किया और १३२ प्लाज्मा दाताओं से सी.सी.पी. / कोविड कन्वल्सेंट प्लाज्मा एकत्र किया और सरकारी जिला अस्पताल, भंडारा में कोविड- १९ के जरूरतमंद रोगियों के लिए १३२ प्लाज्मा बैग मुफ्त दान किए। लाइफलाइन ने गरीब मरीजों को ७०० से ज्यादा मुफ्त प्लाज्मा बैग दान किए। साथ ही जरूरतमंद और गरीब कोविड- १९ मरीजों को ३००० से अधिक प्लाज्मा बैग रियायती दर पर दिए।

डॉ. हरीश वरभे ने ये सभी पुरस्कार और सम्मान सभी प्लाज्मा दाताओं, शिविर आयोजकों और लाइफलाइन ब्लड सेंटर के मेहनती कर्मचारियों को समर्पित किए जिनके बिना हजारों कोविड-१९ रोगियों की जान बचाने का कार्य संभव नहीं होता.
लाइफलाइन मध्य भारत का सबसे बड़ा रक्त केंद्र है और यह एन.जी.ओ. / चैरिटेबल ट्रस्ट / धर्मादाय संस्था द्वारा चलाया जाता है। लाइफलाइन लगभग १५० समर्पित कर्मचारियों और ५ मोबाइल रक्तदान वैन और १ कोल्ड वैन की मदद से हर महीने लगभग ५० रक्तदान शिविर आयोजित करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में रक्त सेवाएं प्रदान करने के लिए विदर्भ में लाइफलाइन के कुल २० ब्लड स्टोरेज सेंटर हैं (राज्य में सबसे ज्यादा) ।

लाइफलाइन में कई स्थायी धर्मार्थ प्रकल्प हैं। थैलेसीमिया और सिकल सेल वाले १३५ बच्चों को गोद लिया है (अधिकतम मध्य भारत में) और उन्हें पूरी तरह से मुफ्त रक्त दिया जाता है। थैलेसीमिया से पीड़ित प्रत्येक बच्चे को हर सालाना लगभग १० से ६० ब्लड बैग की आवश्यकता होती है।

लाइफलाइन ने मुंबई बाढ़ और सीरियल बम विस्फोट जैसी आपदाओं के दौरान सरकार को मुफ्त रक्त सेवाएं प्रदान की हैं। विदर्भ के सभी ब्लड बैंकों से मुंबई में रक्त भेजने के लिए लाइफलाइन को नोडल सेंटर के रूप में नियुक्त किया गया था। उस समय ब्लड बैग (लगभग ८० %) का हिस्सा अकेले लाइफलाइन ने भेजा था। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने विशेष पुरस्कार दिया था। सरकारी मेडिकल एवं मेयो हॉस्पिटल को रक्त की कमी होने पर निःशुल्क रक्त बैग प्रदान करते हैं।

लाइफलाइन मध्य भारत में अत्याधुनिक रक्त केंद्र है और विश्व गुणवत्ता मानकों के अनुरूप सबसे सुरक्षित रक्त देने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करता है। लाइफलाइन ने एच.आई.वी.- एड्स, हेपेटाइटिस-बी और सी से सबसे सुरक्षित रक्त पहुंचाने के लिए भारत की पहली पैंथर- आई.डी.- नॅट लैब (मध्य भारत में एकमात्र) शुरू की। इसके अलावा, मध्य भारत के सभी कैंसर अस्पताल उनके रक्त कैंसर रोगियों के बोन मॅरो ट्रांसप्लांट उपचार के लिए स्टेम सेल प्रदान करते हैं।

पिछले १० वर्षों से लाइफलाइन ब्लड सेंटर को एन. ए. बी. एच. में मानक मान्यता प्राप्त है, जो एक राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणपत्र है।
हाल ही में मार्च-२२ को लाइफलाइन ब्लड सेंटर को ए. ए. बी. बी. अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाण पत्र मिला है जो की एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंटऑफ ब्लड एंड बायोथेरेपी, यू.एस.ए. से प्राप्त हुवा है. (पूर्व में अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ ब्लड बैंक्स के रूप में जाना जाता था। यह प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणपत्र पानेवाला लाइफलाइन भारत में पांचवां रक्त केंद्र है (महाराष्ट्र और मध्य भारत में एकमात्र)।
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