खानपान पर विशेष सावधानी बरतें !
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सब्जी, फल, फ्रूट, अनाज एवं पेय पदार्थों में कीटनाशक से खतरा
नागपुर (आनंदमनोहर जोशी)। कुछ समय पूर्व महामारी से विश्व में लाखों लोग मारे गए। अब विश्व में खानपान निर्मित वस्तुओं के उत्पादन, फसल तैयार के समय पैकिंग और खुले में बिकनेवाले फल, फूल, अनाज, फ्रूट्स, सब्जियों, पेय पदार्थों और दैनंदिन के खानपान की वस्तुओं को कई दिन, कई माह और वर्षों तक टिकाऊ रखने के लिए यूरिया, रसायनिक खाद, रसायन एसिड के प्रयोग बढ़ रहे है।
फसल तैयार करते समय खेत, खलियानों में कीड़े, जीव, जंतु लगने से रोकने के लिए कीटनाशक फव्वारों का प्रयोग अनाज, फल, सब्जियों पर किया जा रहा है। समय समय पर दी जाने वाली चेतावनी के बाद भी देश के नागरिक खानपान किए जा रहे अनाज, सब्जियां, फल पानी से धोकर नहीं सेवन करतें हैं। फलस्वरूप अनेक नागरिकों को कैंसर, फेफड़े, गले, किड़नी जैसी घातक बीमारियां होने से मौतें समय से पूर्व होने लगी है।
हाल ही में भारत सरकार की तरफ से तुर्की देश को 56877 टन भारतीय गेहूं भेजा गया। जिसे तुर्की की सरकार ने यह कहकर वापस लौटा दिया कि इस गेहूं में रुबेला वायरस है। ठीक उसी तरह भारत के बागानों से निर्यात की गई चाय कीटनाशक की मात्रा चाय में अधिक होने पर वापस लौटा दी गई। जबकि चाय, दूध, कॉफी ऐसी रोजमर्रा की वस्तुएं हैं जिनका प्रयोग सीधे दूध और पानी को मिलाकर किया जाता है। भारत के 139 करोड़ नागरिकों में से अधिकांश नागरिक सुबह चाय, कॉफी, दुध का प्रयोग करते हैं। साथ ही रोजाना सब्जी,अनाज और खानपान का प्रयोग भी किया जाता है। यही नहीं खाने के तेल में भी सरकार की तरफ से 40 प्रतिशत मिलावट की मंजूरी खुले आम दी जाती है।
अब भारत की जनता को सावधानी से सब्जी,अनाज,फल,फूल,नमकीन, मिठाईयां,पेय पदार्थ के प्रयोग से पहले सावधानी बरतनी होगी। अन्यथा फूड पॉयजन से कैंसर जैसी घातक बीमारियों से शरीर को नुकसान उठाना पड़ सकता है। प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। सभी ग्राहक जब पैकिंग पदार्थ की खरीदारी करते है। तब पैकेट पर एक्सपायरी तारीख भी लिखी रहती है। यदि हम सावधानी से खानपान के पदार्थों का प्रयोग नहीं करेंगे तो भविष्य में महामारी से ज्यादा कैंसर बीमारी बढ़ने का खतरा होने की प्रबल संभावना है।