Loading...

भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्जीवित करके पाठ्यक्रम में लाना होगा : प्रो. डॉ. सुषमा यादव

                         

नागपुर/पुणे। भारतीय ज्ञान परंपरा हमारे ग्रंथों में है, जिसे पुनर्जीवित करके उसे हमारे पाठ्यक्रम में तथा व्यवहार में लाना होगा। इस आशय का प्रतिपादन प्रो. डॉ. सुषमा यादव, समकुलपति, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय तथा अध्यक्ष प्रतिरूपक पाठ्यक्रम समिति (मॉडलर करिकुलम कमेटी) ने किया। विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, केंद्रीय हिंदी निदेशालय, श्यामलाल कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय तथा अंतर विश्वविद्यालय त्वरक केंद्र (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग,नई दिल्ली) के तत्वावधान में दि. 12, 13, 14    दिसंबर को अंतर विश्वविद्यालय ‘त्वरक केंद्र (आई यू ए सी) उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेश’ पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप वे  उद्बोधन दे रही थीं। 

प्रो. सुषमा यादव ने आगे कहा कि भाषा और साहित्य हमारे हैं, उन्हें मापदंडों में मत बाँधिए। विज्ञान की सीमा होती है, ज्ञान असीमित है।शुद्ध भाषा लोगों के दिलों तक पहुंच जाती है। हमें ऐसे छात्र निर्माण करने हैं, जिन्हें भारतीय ज्ञान परंपरा का मात्र ज्ञान नहीं,अपितु वे हमारे लिए गौरव व गर्व सिद्ध होंगे। प्रो.मनरूप मीना, समकुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने कहा कि मैकाले की शिक्षा नीति त्याग कर अब हमें आगे निकलना होगा। भारत पहले भी विश्व गुरु था। आज भी हमारी यात्रा सफल रूप से विश्व गुरु बनने के मार्ग पर अग्रसर है। प्रो. डी.पी. सकलानी, निदेशक, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद(एनसीईआरटी), नई दिल्ली ने अपनी अभिव्यक्ति में कहा कि हमें स्वतंत्रता जो मिली थी, वह शैक्षिक स्वतंत्रता नहीं थी। अब राष्ट्रीय नई  शिक्षा नीति के माध्यम से वास्तव में शैक्षिक स्वतंत्रता मिलेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का दर्शन भारत को केंद्र में रखती है। आज हमारा फोकस बुनियादी शिक्षा पर केंद्रित है । नींव मजबूत होने पर ही उच्च शिक्षा का मार्ग सुकर होगा। हमारे पास तथ्य है, पर तर्क नहीं दे पाते। रूढ़िवादिता से हम टारगेट बनते हैं। कहते हैं कि इनके पास कुछ नहीं है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूर्णत: स्वीकार्य है। इस यज्ञ में हम सभी को  आहुति देनी होगी। 

प्रोफेसर रवि नारायण कर, उपाध्यक्ष, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान तथा प्राचार्य, श्यामलाल कॉलेज, नई दिल्ली ने कहा कि,तीन दिवसीय संपन्न गोष्ठी नई दिशा निर्माण करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सभी बिंदु आ जाए, जो भारत केंद्रित हो। पाठ्यक्रम में कौशल का भी समावेश हो। कहते हुए उन्होंने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। डॉ. किरण हजारिका, समकुलपति,  इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने आरंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने प्रास्तविक भाषण में कहा कि इस त्रीदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में उद्घाटन व समापन सत्र के अतिरिक्त कुल 8 सत्र चलाए गए जिनके विषय थे - राष्ट्रीय शिक्षा नीति और भारतीय ज्ञान परंपरा: पाठ्यक्रम निर्माण और भाषा शिक्षण के संदर्भ में, वर्तमान पाठ्यक्रम की समीक्षा एवं सुझाव, भारतीय साहित्य में मातृवंदन, पाठ्यक्रम के संदर्भ में लोक साहित्य एवं संस्कृति, भारतीय ज्ञान परंपरा आधारित भावी पाठ्यक्रम निर्माण लक्ष्य और रूपरेखा के अनुरूप सामग्री संकलन 1 व 2 ,कौशल आधारित रोजगारोन्मुख हिंदी: स्वरूप और संभावनाएं तथा भारतीय साहित्य और स्वतंत्रता संग्राम के वीर सपूत, इन विषयों पर उद्बोधन देने हेतु 25 विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था। 

जिनमें प्रो. नचिकेता तिवारी, (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर), प्रो.टी. आर भट्ट,(धारवाड़,कर्नाटक), प्रो. डॉ. रीता मौनी वैश्य(गुवाहाटी विश्वविद्यालय), डॉ.अमरेंद्र त्रिपाठी, डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मुहम्मद शेख, (पूर्व प्राचार्य लोक सेवा महाविद्यालय, औरंगाबाद- छत्रपति संभाजी नगर) प्रो.पद्मप्रिया (पांडिचेरी विश्वविद्यालय), प्रो. ममता वालिया,  प्रो.जय कौशल,प्रो.आलोक चौबे, प्रो. आनंद वर्धन शर्मा (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) डॉ.जसपाली चौहान, डॉ संदीप रणभिरकर (कलबुरगी,कर्नाटक), प्रो. सर्वेश सिंह, प्रो. संध्या वासत्यान  दिल्ली; प्रो. ई. विजयलक्ष्मी (मणिपुर विश्वविद्यालय, इंफाल), डॉ. अमित कुशवाह (भटिंडा, पंजाब), प्रो.गिरीनाथ झा, डॉ.बालेंदु शर्मा दाधिच, डॉ प्रीति सागर तथा अंजली श्रीवास्तव। प्रारंभ में डॉ.हर्षिता, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने राष्ट्रीय गोष्ठी के संदर्भ में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। प्रो.पद्म प्रिया (पांडिचेरी विश्वविद्यालय) डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मुहम्मद शेख (पूर्व प्राचार्य, लोक सेवा महाविद्यालय, औरंगाबाद-छत्रपति संभाजी नगर) तथा प्रो. विनोद कुमार, ग्वालियर ने राष्ट्रीय गोष्ठी के संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया स्वरूप अभिमत प्रस्तुत किये।
समाचार 1532932716777429744
मुख्यपृष्ठ item

ADS

Popular Posts

Random Posts

3/random/post-list

Flickr Photo

3/Sports/post-list