प्राचार्य ठकाजी कानवडे को जीवनसाधना गौरव सन्मान
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नागपुर/पुणे। सत्यनिकेतन संस्था, राजूर, अकोले, जिला अहमदनगर, महाराष्ट्र के वर्तमान सचिव तथा ॲड्. मनोहरराव नानासाहेब देशमुख महाविद्यालय, राजूर, तहसील अकोले, जिला अहमदनगर, महाराष्ट्र के पूर्व प्राचार्य श्री. ठकाजी नारायण कानवडे को हालही में सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, पुणे की ओर से 'जीवन साधना गौरव सम्मान' प्रदान किया गया। सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय का अमृत महोत्सव वर्ष तथा १० जनवरी २०२४ को स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के खाशाबा जाधव क्रीडा भवन में आयोजित एक विशेष भव्य आयोजन में आध्यात्म गुरु श्री श्री रविशंकर जी के करकमलों से प्रतीक चिन्ह व सम्मान पत्र देकर प्राचार्य ठकाजी कानवडे को तथा उनकी अर्धांगिनी सौ. अलका ठकाजी कानवडे को गौरवान्वित किया गया।
इस अवसर पर मंच पर भारत की पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभाताई देवीसिंह पाटील की गरिमामयी उपस्थिति थीं। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले से संलग्नित अकोले तहसील के सावरचोळ जैसे छोटे-से गाँव में १९५३ को जन्मे ठकाजी नारायण कानवडे ने राजनीतिक विज्ञान के प्राध्यापक के रूप मे अपनी अध्यापकीय सेवा नेवासा (जिला-अहमदनगर ) के श्री ज्ञानेश्वर महाविद्यालय से आरंभ की थी। लगभग १५ वर्ष की प्राध्यापकीय सेवा के उपरांत १ सितम्बर १९९३ को प्रा. कानवडे आदिवासी एवं दुर्गम क्षेत्र में कार्यान्वित ॲड्. मनोहरराव नानासाहेब देशमुख महाविद्यालय, राजूर में प्राचार्य के रूप मे नियुक्त हुए। लगभग बाईस वर्ष तक प्राचार्य के रूप में प्रशासकीय सेवाओं की पूर्ति के पश्चात् वे ३१ अगस्त २०१५ को सेवानिवृत्त हुए।
संप्रति प्राचार्य कानवडे सत्यनिकेतन संस्था, राजूर के सचिव पद पर कार्यरत है। अपने कार्यकाल में उन्होंने आदिवासी छात्रों के लिए छात्रावास तथा सभी सुविधाओं से युक्त महाविद्यालय की इमारत खडी कर के अपने महाविद्यालय को एक नया, आकर्षक तथा उन्नत रूप प्रदान किया। कुछ समय पहले प्राचार्य कानवडे को महाराष्ट्र शासन सहित सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय का 'आदर्श प्राचार्य ' तथा महाविद्यालय को 'आदर्श महाविद्यालय' के रूप में सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय की ओर से सन्मानित होने का अवसर भी प्राप्त हुआ है। इस भव्य आयोजन में पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभाताई पाटील तथा प्रसिद्ध विधिज्ञ श्री. उज्वल निकम सहित अन्य छह महानुभावों को गौरवान्वित किया गया।
समारोह के उपरांत विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष तथा नागरी लिपि परिषद, गांधी स्मारक निधि, राजघाट, नई दिल्ली के कार्याध्यक्ष प्राचार्य डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मुहम्मद शेख,पुणे, महाराष्ट्र ; राजूर महाविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ.भरत त्र्यंबक शेणकर तथा यासीन बाबूलाल शेख सर, नेवासा द्वारा प्राचार्य ठकाजी कानवडे को पुष्पगुच्छ देकर उन्हें हार्दिक बधाईयां दी गई।