उभरते सितारे में 'ज्ञान विज्ञान और मौसम'
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नागपुर। जियो और जीने दो, प्यार से सभी को रहने दो। क्योंकि यह धरती हर एक के लिए है। हम समझ नहीं पा रहे हैं और प्रकृति के विरुद्ध वृक्ष काट रहे हैं। हमें प्लास्टिक का उपयोग बंद करके, आवाज और हवा का प्रदूषण भी कम करना होगा। हमें संयमित जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए।’प्रकृति कहे हमें पुकार के..' स्वरचित कविता के माध्यम से श्रीमती प्रीति बाला बोरकर ने मौसम के बारे में सार्थक विचार रखें। तथा, उभरते सितारे मंच की सराहना कर धन्यवाद दिया।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं के लिए लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत मनोरंजन और ज्ञानवर्धक 'ज्ञान विज्ञान और मौसम' विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमे पे यूनिट, शिक्षण विभाग, नागपुर डिवीजन की श्रीमती प्रीतीबाला विनोद बोरकर अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। इनका सम्मान सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने स्वागतवस्त्र और मोमेंटो देकर किया। इस अवसर पर बाल सुधार गृह के विनोद बोरकर, सुप्रसिद्ध नृत्यांगना और कोरियोग्राफर अपूर्वा काकडे भी विशेष रूप से उपस्थित थीं। इनका भी स्वागत किया गया।
सर्वप्रथम, कार्यक्रम की प्रस्तावना रखतें हुए संयोजक युवराज चौधरी ने मौसम पर विस्तार पूर्वक विश्लेषण किया। एवं, बच्चों और उनको अभिभावकों को यह बताया कि, प्रकृति को नुकसान पहुंचाने के कारण कैसे मौसम का विपरीत परिणाम वन्य जीव और मानव, सभी के स्वास्थ्य पर पड़ता है। वातावरण में तापमान वृद्धि के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में भी इसका विपरीत परिणाम नजर आता है। इससे बचने के लिए अच्छे सुझाव के रूप में सौर ऊर्जा का प्रयोग, स्वयं के वाहनों का सिमित प्रयोग, फैक्ट्री के केमिकलों को नदी नालों में विसर्जित ना करना, भोजन के अन्न को व्यर्थ न जाने देना जैसे महत्वपूर्ण जानकारी दी।
तत्पश्चात, अपनी संगीतमय प्रस्तुति के दौरान कुछ बच्चों ने मौसम पर बहुत ही अच्छी बातें कहीं। आर्या संदीप भोंगाड़े ने हास्य व्यंग प्रस्तुत कर सबको बहुत हंसाया। श्रेया हरणे, हर्षाली हरणे, देवांशी पटनायक और भव्या अरोड़ा ने बहुत ही सुंदर गीतों की प्रस्तुति दी। एकल नृत्य में ओवी म्हसे, विधि जौंजाड तथा, होली के विशेष सामुहिक नृत्य को गोजिरी मस्के, निधि रेहपाडे, संस्कृति डाहाके, अनुश्री मानकर, पूर्वी वैद्य, स्वरा मेश्राम, देवयानी धोत्रे, विदिशा गजभिए, आदिति ठवकर, धरनी आखाडे, सानवी कावले, मधुरा बांते आदि ने प्रस्तुत कर दिल जीत लिया।
प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को देवस्मिता मानस पटनायक, यशवंत राव म्हसे, मिनाक्षी केसरवानी, आशा वेदप्रकाश अरोरा, दादा अवतारे, सुहास तिरपुडे, बाबा खान, सुधीर जौंजाड, पूनम कावले, कविता धोत्रे, सोनाली बांते, मनीषा रेहपाडे, वासंती मिश्रा आदि ने खूब सराहा। कार्यक्रम का कुशल संचालन राज चौधरी ने किया। तथा, कार्यक्रम में सहयोग प्रशांत शंभरकर ने किया। ध्वनि व्यवस्था पियुष एवं विनोद पांडे ने संभाली।