Loading...

दोस्ती


दोस्त पर इतना विश्वास करो
कि
वो दिन को रात कहे 
तो रात समझो।

दोस्त ने गधा कहा तो
घोड़े होकर भी गधे बनो, 

चाय में नमक मिला हो 
तो भी 
मीठा कहो,
.... दोस्त पर इतना विश्वास करो।।

ऐसा दोस्त भी न बनो कि....
गले मिल रहे हों
और 
अफज़ल खान जैसे 
हाथ में कटारी हो,

मुशर्रफ़ जैसे
कारगिल हो,

नवाज़ शरीफ सा शराफ़त हो।।  

दोस्त के बेटी के निकाह में 
ज़रूर जाओ, 
लेकिन 
ऐसा दोस्त न बनो कि
पुलवामा 
हो जाए,

दोस्त पर इतना 
विश्वास करो।

- डॉ. शिवनारायण आचार्य ‘शिव’

   नागपुर (महाराष्ट्र)
काव्य 466304374902564668
मुख्यपृष्ठ item

ADS

Popular Posts

Random Posts

3/random/post-list

Flickr Photo

3/Sports/post-list