हम एक नॉलेजिबल समाज में रहते हैं जहां हर एक इंसान दूसरे इंसान को सपोर्ट करता है : श्रीमती मून दत्ता
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उभरते सितारे मे 'सामाजिक सशक्तिकरण '
नागपुर। आज महिला खुद ही सशक्त है। आगे आती है, अपनी बात रखती है। आगे पढ़ना चाहती है, आगे बढ़ना चाहती है। परंतु, पहले ऐसा नहीं था। महिलाओं पर बहुत निर्बंध लादे गए थे। फिर भी, बंगाल के एक जमींदार की बहू राजसुंदरी देवी जिन्होंने 'आमार जीवन' करके एक किताब लिखी है। यह किताब बहुत प्रचलित हुई। अपने इस ऑटोबायोग्राफी में उन्होंने, अपने जीवन के साथ साथ, हर एक महिला जो समाज में बहुत संघर्ष करती है, उस विषय में उन्होंने लिखा है। उस समय यह लिखना, उन्हें आसान नहीं था। लेकिन, मन में अगर ठान लिया जाए, तो कुछ भी असंभव नहीं है। आज हम एक नॉलेजिबल समाज में रहते हैं। जहां हर एक इंसान दूसरे इंसान को सपोर्ट करता है। और, आगे बढ़ने में सहायता करता है। यह विचार श्रीमती मून दत्ता ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखा।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित उपक्रम 'उभरते सितारे' का आयोजन हिंदी मोर भवन के उत्कर्ष हॉल में किया गया। कार्यक्रम का विषय सामाजिक सशक्तिकरण ' के अंतर्गत ज्ञानवर्धक, मनोरंजनात्मक संगीतमय प्रस्तुतियों से भरा रहा। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में भारती कृष्ण विद्या विहार की शिक्षिका मून दत्ता उपस्थित थीं। इनका सम्मान सहसंयोजिका वैशाली मदारे और संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। सर्वप्रथम, कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए, युवराज चौधरी ने सामाजिक सशक्तिकरण पर बहुत सुंदर बात कहते हुए महत्वपूर्ण जानकारी दी।
तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस विषय पर अपने विचार रखते हुए अपने गीतों से सबका मन जीत लिया। जिसमें, सानजोली दत्ता, राम बागल, प्रिषा नारनवरे, पवन मेश्राम, चित्त रंजन, श्री बागल आदि ने सुंदर गीतों की प्रस्तुति दी। सम्पूर्णा रेलमंडल ने महिलाओं पर एक बहुत सुंदर कविता की।
बच्चों की प्रस्तुतियों को उनके अभिभावकों के साथ-साथ सत्यजीत दत्ता, पूर्णिमा दत्ता, विद्या बबन नारनवरे, प्रीति अभिजीत बागल, दिलीप ढोरे, रूपकिशोर कनौजिया, मीनाक्षी केसरवानी, सुब्रतो दत्ता, बाबा खान, रंजना जयस्वाल, ममता दुबे और कृष्णा कपूर आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। एवं, उपस्थित सभी दर्शकों, कलाकारों और बच्चों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।