एक शाम राष्ट्र परिवार के नाम- अभिनंदन मंच में ज्येष्ठ नागरिकों का सम्मान
https://www.zeromilepress.com/2025/05/blog-post_27.html
नागपुर। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम अभिनंदन मंच (ज्येष्ठ नागरिकों का सम्मान) के अंतर्गत कार्यक्रम ‘एक शाम राष्ट्र परिवार के नाम’ आयोजन हिंदी मोर भवन रानी झांसी चौक में किया गया. प्रमुख अतिथि संदीप त्रिपाठी शिक्षक नर्मदापुरम व विशिष्ट अतिथि मनोज शुक्ल ‘हिन्दुस्तानी’, बैतूल, राज्य स्तरीय आचार्य सम्मान से सम्मानित उपस्थिति थे. अतिथियों का स्वागत विजय तिवारी ने स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र से किया गया. तत्पश्चात हेमंत पांडेय उनके कर्मठ सराहनीय कार्य के लिए पुलिस विभाग से राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किये गए, उनका अतिथि के द्वारा मोमेंटो, शाल, श्रीफल देकर स्वागत किया गया. बार्डर सिक्योरिटी फोर्स से उमाशंकर यादव का स्वागत अतिथि के द्वारा मोमेंटो, शाल से स्वागत किया गया. अभिनन्दन मंच की तरफ से रक्तदान के लिए हरविंदर सिंह ने शाल से डा .बालकृष्ण महान का स्वागत किया. कार्यक्रम का संचालन डा.कृष्ण कुमार द्विवेदी ने किया.
इस अवसर पर प्रमुख अतिथि पंडित संदीप त्रिपाठी ने राष्ट्र निर्माता पर अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने राम धारी सिंह दिनकर की कविता ‘जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं’ से अपने उद्बोधन का प्रारम्भ किया और सभी राष्ट्र निर्माता सैनिक, किसान, सफाई कर्मी, शिक्षक और समाज के समस्त लोगों को अपनी विनम्र प्रणाम करते हुए सभी की भूमिकाओं पर विचार व्यक्त किया साथ ही हमारा हमारे राष्ट्र और समाज के प्रति क्या और कैसा कर्तव्य हो इस प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय कवि मनोज शुक्ल ‘हिन्दुस्तानी’ मध्यप्रदेश के बैतूल से पधारे देश भक्ति से ओत-प्रोत ओजोस्वी गीतों और कविताओं के माध्यम से श्रोताओं का मन मोह लिया. कविता के बोल - मैं भी बोलूं तुम भी बोलो, जय जवान जय किसान। एक देश की करें हिफाजत, एक करें खेतों में काम, मेरे भारत की माटी ने कैसे कैसे लाल दिये, तब कहीं जाकर आजादी की दुल्हन का श्रृंगार हुआ, मेरा तो अभिमान तिरंगा और जय जवान जय किसान और जिसका बेटा है किसान जिसका तिरंगा निशान वो है मेरा हिन्दुस्तान ने समां बांधा. इस कार्यक्रम में 20 गीतों की प्रस्तुतियां की गयी.
सर्व प्रथम कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति में बलदेव जुनेजा के गीत के बोल थे जब जीरो दिया मेरे भारत ने,नंदिनी सुदामउल्ला, विनोद शर्मा, कृष्णा कपूर बेस्ट वंदेमातरम, शंकर मेश्राम ने इंसाफ की डगर पे बच्चों दिखाव चलना, ये देश है तुम्हारा, सुरेश त्रिवेदी मेरे देश की धरती सोना उगले - उगले हिरा मोती, शरद त्रिवेदी ने देखो वीर जवानों, सीमा ने मेरे वतन के लोगों, राजेन्द्र मिश्रा -है प्रीत जहां की रीत सदा, लहर पटेल ने होंठो पे सच्चाई रहती है हम उस देश के वासी हैं, सुरेश धुंडे- कर चले हम फ़िदा जानो तन साथियों, राजेश अग्रवाल दिल दिया है जान भी देंगे, ओम प्रकाश अपनी आजादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं, अल्पा तलाविया ने देखी है सारी दुनिया मेड इन इंडिया, डा बालकृष्ण महाजन ने कसमें वादे प्यार वफा, समीर पठान, आलम भाई, प्रमोद जयकर, लीला पवार ने गीतों की प्रस्तुति दी. इस कार्यक्रम में रमेश मौदेंकर, प्रमोद जयकर, लक्ष्मी नारायण केशकर, किशोरी हिराणी, अमिता शाह, अम्बरिश दुबे, सुभाष उपाध्याय, मीरा गायगवाल, विनायक चिंचोलकर, राजेश प्रसाद अनिल रूंघवानी, संगीत प्रेमियों की उपस्थिति रही. आभार प्रदर्शन का दायित्व शरद त्रिवेदी ने किया.