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गूगल के ज़माने में भी क्यों ज़रूरी हैं शिक्षक?


एक भावनात्मक, प्रेरणात्मक और समकालीन दृष्टिकोण

आज जब हर जानकारी बस एक क्लिक की दूरी पर है, जब बच्चे घर बैठे दुनिया के किसी भी प्रोफेसर का लेक्चर सुन सकते हैं, तो एक सवाल अक्सर उठता है - ‘जब सब कुछ ऑनलाइन मिल जाता है, तो शिक्षक की क्या ज़रूरत है?’ इस सवाल का जवाब है - शिक्षक की ज़रूरत आज पहले से कहीं ज़्यादा है। क्योंकि इंटरनेट सूचना देता है, लेकिन शिक्षक संस्कार, दृष्टि और प्रेरणा देता है।
पुराने ज़माने में शिक्षक ही ज्ञान का एकमात्र स्रोत होते थे। लेकिन आज, बच्चे गूगल पर कुछ भी सर्च कर सकते हैं, यूट्यूब पर प्रयोग देख सकते हैं, और AI से सवालों के जवाब पा सकते हैं। तो फिर शिक्षक का क्या रोल बचा? दरअसल, AI जानकारी तो दे सकता है, लेकिन वह कभी भी एक प्रेरक और भावनात्मक रूप से जुड़ा इंसान नहीं बन सकता।

आज का शिक्षक : 

एक मार्गदर्शक है जो जिज्ञासा को दिशा देता है, एक सहायक है जो जानकारी को समझने में मदद करता है, एक सलाहकार है जो भावनात्मक सहारा देता है, एक आदर्श है जो जीवन मूल्य सिखाता है, एक फिल्टर है जो सही और गलत जानकारी में अंतर करना सिखाता है और सबसे महत्वपूर्ण, एक प्रेरक  है जो समय-समय पर छात्रों को हिम्मत और आत्मबल देता है

AI क्यों नहीं बन सकता एक इंसान जैसा शिक्षक?

कोई भी स्क्रीन उस मुस्कान को नहीं दे सकती जो एक शिक्षक देता है जब छात्र को कोई बात समझ में आती है। कोई भी AI वह दिलासा नहीं दे सकता जो एक शिक्षक "तुम कर सकते हो" कहकर देता है। AI भावनात्मक जुड़ाव, समझ, और संवेदनशीलता नहीं दे सकता - जो हर छात्र को उसकी असफलताओं से उबरने और फिर से खड़े होने में मदद करता हैl

छात्रों को केवल सूचना नहीं चाहिए, उन्हें चाहिए : 

प्रेरणा, संवेदनशील, मार्गदर्शन, नैतिकता की शिक्षा और सबसे जरूरी, जीवन से हार न मानने का जज़्बा और यह सब केवल एक मानव शिक्षक ही दे सकता है। आज के स्कूल और शिक्षक सिर्फ पाठ नहीं पढ़ाते, वे "facilitators" बन गए हैं - जो बच्चों को सही माहौल, संसाधन और अवसर प्रदान करते हैं, जिससे वे अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकें। शिक्षक बच्चों की रचनात्मकता, संचार कौशल, और नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देते हैं।वे एक ऐसा मंच बनाते हैं जहाँ छात्र केवल पढ़ाई नहीं, जीवन जीने की कला भी सीखते हैं। 

अगर समय बदल रहा है, तो शिक्षक को भी खुद को अपग्रेड करना होगा : 

- तकनीक को अपनाएं : स्मार्ट क्लास, ऑनलाइन टूल्स, क्विज़, गेम आधारित शिक्षण को अपनाएं
- चिंतन और विश्लेषण सिखाएं : सिर्फ रटाना नहीं, सोचने और तर्क करने की क्षमता विकसित करें
- भावनात्मक बुद्धिमत्ता विकसित करें : छात्रों को सहानुभूति, आत्म- संयम और टीम वर्क सिखाएं
- खुद सीखते रहें : वर्कशॉप्स, वेबिनार, कोर्सेस और छात्रों से भी सीखने के लिए तैयार रहें

एक प्रेरित और अपडेटेड शिक्षक ही वह दीपक है जो अंधकार में भी छात्रों को रास्ता दिखाता है। गूगल आपको जवाब दे सकता है, लेकिन शिक्षक सिखाता है कि उन जवाबों का उपयोग ज़िंदगी में कैसे करना है। क्योंकि एक शिक्षक सिर्फ विषय नहीं पढ़ाता - वो सिखाता है कैसे सोचें, कैसे गिरकर उठें, और कैसे आगे बढ़ें। AI कभी दिल नहीं रख सकता - लेकिन एक शिक्षक हर दिल में अपनी जगह बना सकता है।

- प्रणोति बागड़े
   नागपुर, महाराष्ट्र 
लेख 945177080050516346
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