अभिनंदन मंच में ज्येष्ठ नागरिकों ने युगल गीतों के माध्यम से बाधा समां
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नागपुर। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम अभिनंदन मंच (ज्येष्ठ नागरिकों का सम्मान) के अंतर्गत कार्यक्रम 'युगल गीत' आयोजन हिंदी मोर भवन रानी झांसी चौक में किया गया. प्रमुख अतिथि श्री रामनारायण मिश्र अध्यक्ष विश्व सर्यूपारीण महासभा, नागपुर उपस्थिति थे. अतिथियों का स्वागत शरद त्रिवेदी, कृष्ण कुमार द्विवेदी ने स्मृति चिन्ह व शाल से किया गया. कार्यक्रम का संचालन डा.कृष्ण कुमार द्विवेदी ने किया.
इस अवसर पर प्रमुख अतिथि रामनारायण मिश्र ने अपने उद्बोधन में संगीत एक कला है जो ध्वनियों का संगठित रूप से प्रयोग करती है. अक्सर लय, माधुर्य और सामंजस्य के भावनाओं को व्यक्त करने और सौंदर्य प्राप्त करने के लिए यह गायन, वादन और नृत्य जैसे विविध रूपों में अभिव्यक्त की जा सकती है.
संगीत भावनाओं को व्यक्त करने का सबसे सशक्त माध्यम है, संगीत लोगों को साथ लाता है और उनके बीच संबंधों को मजबूत बनाता है. ऋग्वेद में भी गीत के लिए गीती,गाथा जैसे शब्दों को उल्लेखित किया गया है. उस काल में विभिन्न वाद्यों का प्रयोग किया जाता था. संगीत का पहला उल्लेख पाणिनि ने किया था. श्री पुरंदर दास को संगीत का पितामह कहा जाता है, कर्नाटक संगीत में उनका बहुत बड़ा योगदान है.
संगीत से तनाव कम होता है, दिमाग को आराम मिलता है. सांस से जुड़ी तकलीफ में आराम मिलता है।संगीत ही वो विधा है जिससे ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है. जीवन में यह संजीवनी का कार्य करती है. उक्त बातें संगीत की साधना में रत लोगों को सही मार्ग दिखाती है. नागरिकों को संगीत इंसान को जोड़ने का काम करता है संगीत से ऊर्जा मिलती है. विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के इस तरह के सराहनीय कार्य के लिए आयोजकों धन्यवाद ज्ञापित किया. इस कार्यक्रम में 22 युगल गीतों की प्रस्तुतियां की गयी.
सर्व प्रथम कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति शंकर मेश्राम, लीला पावर, ओम प्रकाश, तृप्ति पाटिल, नीरज व्यास अल्पा तलाविया, राजेंद्र मिश्रा, मनोज, विनायक चिंचालकर, नवीन त्रिवेदी, राजेश अग्रवाल, रवि हरदयानी, शरद त्रिवेदी, सुरेश त्रिवेदी, जया धोटे, राजीव गायकवाड़, लहेर पटेल, भारती रावत, शकील कुरैशी, कृष्णा कपूर, भारती रावत, यशवंत, गीता, विष्णु फूलवानी, सुषमा भांगे, माया शर्मा , आजम भाई ने गीतों की प्रस्तुति दी.
इस कार्यक्रम में प्रकाश पाटिल, मिलिंद नंदा गवली, अनीता गायकवाड़, अशोक रावत, बलदेव जुनेजा, वहीद शेख, राजेश वामनराव, हेमंत कुमार पांडेय, अमिता शाह,की उपस्थिति रही. अल्पा तलाविया, जया धोटे ने पुरुष कलाकारों के साथ युगल गीत की प्रस्तुति में साथ दिया। आभार प्रदर्शन का दायित्व शरद त्रिवेदी ने किया.