डॉ. स्वाती भावे की पुस्तक 'अनुभवातून अनुभूती' का हुआ विमोचन
https://www.zeromilepress.com/2025/06/blog-post_65.html
नागपुर/पुणे। सुप्रसिद्ध बाल रोग तज्ज्ञ डॉ. स्वाती भावे इनकी लिखी और ग्रंथाली प्रकाशन पुणे की तरफ से प्रकाशित यह किताब का विमोचन कुछ दिन पहले पुणे मे संपन्न हुआ। नासिक स्थित आरोग्य विद्यापीठ की कुलगुरू लेफ्टनंट जनरल (निवृत्त) डॉ. माधुरी कानेटकर इतकी हाथो से किताब का विमोचन हुआ।
डॉ. स्वाती भावे अखिल भारतीय बाल रोग तज्ज्ञ डॉक्टरो की संघटना (आय. ए.पी.) की प्रथम स्त्री अध्यक्षा रह चुकी है। जागतिक बाल रोग तज्ज्ञ डॉक्टर की संघटना (आय.पी.ए.) में इनका सक्रिय सहभाग रह चुका है। इनकी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा नागपुर स्थित सेंट जोसेफ स्कूल में हुई है। नागपुर के शासकीय विज्ञान महाविद्यालय मे शिक्षा प्राप्त करने मे बाद मुंबई की ग्रँट मेडिकल कॉलेज में एम.बी.बी.एस. और एम. डी (बालरोग) उत्तीर्ण होने के बाद इनका व्यावसायिक अनुभव 46 सालों का है। 1979 से 1981 डॉ. स्वाती भावे नागपुर मेडिकल कॉलेज में बालरोग विभाग मे प्रपाठक रह चुकी है।
14 साल की उमरसे लेकर आजतक जोडो की बिमारी का इतका चोली दामन का साथ रह चुका है। इसके साथ विविध प्रकार की व्याधीओ के साथ रहनेके बावजूद यह सक्रिय कार्यरत रही है। बालरुग्णो के साथ के व्यावसायिक अनुभवो के साथ साथ विविध बिमारिओ से अलग अलग अनुभव खुद इन्होने झेले है।
इन विविध प्रकार के अनुभव और उनके साथ मिली हुई शिक्षा इस किताब में सम्मिलीत है। इन विविध अनुभवों की गाथाओं के कारण यह किताब रंजक बनी हुई है। यह किताब की सह लेखिका नागपुर आकाशवाणी की निवृत्त निवेदिका सौ. अंजली दुरूगकर है।
यह किताब दो खंडो मे बांटी गई है। पृष्ठ संख्या 1082 है। दोनों खंडो का एकत्रित मूल्य रु. 3000/- रखा है। किताब का शिर्षक और बाह्यरूप चित्तवेधक है। यह किताब अमेजन पर उपलब्ध है। पुस्तक विमोचन पर प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. उदय बोधनकर ने उज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देकर अभिनंदन किया।