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भारत की आजादी का अमृतकाल और सिंधी भाषा, साहित्य और संस्कृति पर सेमिनार


राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद व विदर्भ सिंधी विकास परिषद का संयुक्त उपक्रम

नागपुर। भारत की आजादी का अमृतकाल और सिंधी भाषा, साहित्य, संस्कृति और समाज विदर्भ के संदर्भ में विषय पर राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद व विदर्भ सिंधी विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सेमिनार डा. बाबा साहेब आंबेडकर कन्वेंशन सेंटर में संपन्न हुआ।.इस सेमिनार में  U.P.S.C.  की तैयारी करने के लिए 12 वीं कक्षा के उत्तीर्ण अथवा उससे अधिक शिक्षा प्राप्त सिंधी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम में भाग लेने हेतु विदर्भ के अकोला, गोंदिया, वर्धा, अमरावती, चंद्रपुर के विद्यार्थियों व पालकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। 

इस संगोष्ठी एवं कार्यशाला के उद्घाटक नानक आहूजा (अमरावती) थे। मुख्य अतिथि भाजपा व्यापारी आघाड़ी महाराष्ट्र के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र कुकरेजा, विशिष्ट अतिथी डीसीपी ट्रैफिक लोहित मतानी, विदर्भ सिंधी विकास परिषद के अध्यक्ष डाॅ. विंकी रुघवानी, महासचिव पी.टी.दारा, संयोजिका शोभा भागिया, उपाध्यक्ष तुलसी सेतिया, NCPSL की सदस्य वंदना खुशालानी, हरीश आलमचंदानी (अकोला), जेसाभाई मोटवानी(वड़सा), डाॅ. गोविंद कोडवानी (तुमसर) , लक्ष्मीचंद रोचवानी (गोंदिया), घनश्यामदास मूलचंदानी (बल्लारशा), कन्हैयालाल चैनानी(वर्धा), सुरेश जग्यासी, घनश्याम कुकरेजा, विजय केवलरामानी, ईश्वर केसवानी, किशोर लालवानी डाॅ. विनोद आसुदानी मंच पर विराजमान थे।

वाधनदास तलरेजा, राजेश बटवाणी, नारायण आहूजा, भगवानदास आहूजा, हरीश जोतवाणी, अशोक माखीजानी, मनोहर शादीजा, महेश भाटिया, सुरेश चावला, मंजू आडवानी विशेष रुप से उपस्थित थे।
सर्वप्रथम अतिथियों ने इष्टदेव झूलेलाल की प्रतिमा को माल्यार्पण किया तथा दीपमाला प्रज्वलित की। तत्पश्चात पी.टी. दारा ने विदर्भ सिंधी विकास परिषद की प्रस्तावना रखी।

वीरेंद्रजी कुकरेजा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि सिंधी समाज व्यापार व्यवसाय में समाज सेवा के क्षेत्र तो बहुत आगे है लेकिन प्रशासकीय सेवाओं में नगण्य है। राजनीतिक क्षेत्र में सिंधी समाज के योगदान हेतु हमें प्रशासकीय सेवाओं में प्रवेश करने के लिए अपने बच्चों को प्रोत्साहित करना है।
लोहित मत्तानी ने विद्यार्थियों की परीक्षा संबंधी समस्याओं का निराकरण कर उनका उचित मार्गदर्शन किया।  डाॅ. वंदना खुशालानी तथा तुलसी सेतिया ने भारत की आजादी का अमृतकाल और सिंधी भाषा, साहित्य, संस्कृति और समाज (विदर्भ के संदर्भ में) विषय पर अपने विचार प्रकट किये। 

विदर्भ सिंधी विकास परिषद के अध्यक्ष डाॅ. विंकी रुघवानी ने पावर पाइंट प्रेज़ेटेशन द्वारा UPSC परीक्षा के तीनो चरणों की तैयारी के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी। किशोर लालवानी ने सिंधी भाषा के आपश्नल दोनों पेपरों के सिलेबस की जानकारी दी। डाॅ. विनोद आसूदानी ने अपने मोटीवेशन स्पीच में विद्यार्थियों को प्रशासनिक परीक्षा का महत्व समझाया। कार्यक्रम का सफल संचालन संगीता दलवानी ने किया। शोभा भागिया ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की सफलता हेतु प्रताप देवानी, संजय धनराजानी, मंजू कुंगवानी, विजय वीधानी, प्रकाश मोटवानी, विक्की दात्रे, संदीप पमनानी ने प्रयास किया।
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