रेलवे की सतर्कता से बचा एक मासूम
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समय रहते नाबालिग बच्चे को मिली सुरक्षा
नागपुर। 23 जुलाई 2025 को ट्रेन संख्या 22110 के कोच S/09 में एक नाबालिग बालक डरा- सहमा अकेले यात्रा कर रहा था। मध्य रेलवे, नागपुर मंडल के वाणिज्य विभाग में कार्यरत ऑन ड्यूटी टिकट परीक्षक राजेंद्र सालम की नजर जैसे ही उस मासूम पर पड़ी, उन्होंने उसकी घबराहट और असहजता को भांप लिया।
उन्होंने संवेदनशीलता के साथ उससे बात की तो पता चला कि वह कौटुंबिक कारणों से बिना किसी को बताए घर से निकल गया था और मुंबई की ओर जा रहा था। परिस्थिति की गंभीरता को समझते हुए श्री सालम ने तत्काल नागपुर कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी।
सूचना मिलते ही धामणगांव स्टेशन पर आरपीएफ का दल – एएसआई आर.एस. खांडेकर, प्रभारी संजय खंडारे, और आरक्षी मनोज आसोले व उमेश धुराटे – ट्रेन में चढ़ा और बच्चे को सुरक्षित उतारकर आरपीएफ पोस्ट, धामणगांव ले जाया गया।
वहाँ बच्चे से सहानुभूति के साथ बातचीत की गई, और उसके माता-पिता से संपर्क कर पूरी जानकारी साझा की गई। इसके बाद बच्चे की प्राथमिक स्वास्थ्य जांच कराई गई और उसे बडनेरा स्टेशन स्थित चाइल्ड लाइन टीम को आगे की कार्रवाई के लिए सौंप दिया गया। चाइल्ड लाइन टीम ने बताया कि बच्चे को सरकारी संरक्षण गृह में सुरक्षित रखा जाएगा और उसकी मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उचित परामर्श भी दिया जाएगा। रेलवे कर्मियों की मानवीय संवेदना, तत्परता और जिम्मेदारी के कारण एक संभावित दुर्घटना टल गई, और एक मासूम को नया सहारा मिल गया। यह घटना इस बात का प्रतीक है कि रेलवे न केवल यात्राओं का माध्यम है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी निभाने वाली एक संवेदनशील संस्था भी है।