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हिंगणा में सजी ‘विठ्ठल नाम की पाठशाला’


स्व. देवकीबाई बंग विद्यालय और नेहरू विद्यालय के विद्यार्थियों ने हिंगणा में रचा पंढरपुर जैसा दृश्य

नागपुर। कांदा मुळा भाजी। अवघी विठाई माझी |, विठ्ठल नामाची शाळा भरली, शाळा शिकताना तहान भूक हरली. ज्ञानबा तुकाराम ज्ञानबा तुकाराम, विठ्ठल विठ्ठल विठ्ठला हरी ओम विठ्ठला" ऐसे जयघोष करते हुए, हिंगणा स्थित स्व. देवकीबाई बंग विद्यालय व कनिष्ठ महाविद्यालय और नेहरू विद्यालय व कनिष्ठ महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आषाढ़ी एकादशी के पावन अवसर पर भव्य पालखी सोहला और वारी का आयोजन अत्यंत भक्तिभाव से किया गया।

दोनों विद्यालयों के विद्यार्थियों ने महाराष्ट्र की महान परंपरा और आध्यात्मिक संस्कृति को दर्शाते हुए वारी का प्रतीकात्मक रूप रायपुर व हिंगणा शहर में भ्रमण कर प्रस्तुत किया। इस वारी में सिर पर तुलसी वृंदावन लेकर चलने वाली नौवारी साड़ी में सजी छात्राएं, सफेद कुर्ता-पायजामा और टोपी पहनकर टाळ-मृदंग की ताल पर जयघोष करते हुए चलने वाले छात्र, आगे विठ्ठल और रुक्मिणी की वेशभूषा में सजे हुए विद्यार्थी - इन सभी ने विद्यालय परिसर में पहुंचकर पालखी और रिंगण की सुंदर प्रस्तुति देकर मानो विठ्ठल नाम की पाठशाला ही सजा दी हो।

वारी का स्वागत कर उसका पूजन संस्था के कोषाध्यक्ष महेश बंग, उपाध्यक्ष अरुणा बंग, स्व. देवकीबाई बंग विद्यालय के प्राचार्य नितीन तुपेकर, और नेहरू विद्यालय के मुख्याध्यापक शशिकांत मोहिते, दिनकर लखमापुरे, इशानी मित्रा  ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में दोनों विद्यालयों के शिक्षकगण और शिक्षकेतर कर्मचारियों ने अथक परिश्रम किया।
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