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गुरु अपने शिष्यों की उन्नति और प्रगति के लिए पूर्ण समर्पित होता है : प्रशांत शंभरकर


उभरते सितारे मे 'गुरु पर्व'

नागपुर। गुरु पूर्णिमा, जिसमें पूर्णिमा का अर्थ है पूरा चांद। जब चंद्रमा अपनी पूरी कलाओं के साथ बहुत सुंदर दिखाई देता है और प्रकाशित होता है। वैसे ही सूरज भी पूरी तरह से प्रकाशमान और पूरा गोल होता है। यानी, गुरु भी उसी परिपेक्ष में पूर्ण और अपने शिष्यों की उन्नति और प्रगति के लिए पूर्ण समर्पित होता है। इसीलिए गुरु पूर्णिमा का बहुत महत्व है। यह बातें, मुख्याध्यापक प्रशांत शंभरकर ने बच्चों को बताईं। 


कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि सन्मती गडेकर ने कहा, यहां बच्चों को स्टेज मिल रहा है, कॉन्फिडेंस बढ़ रहा है बच्चों का। भारतीय संगीत विश्व में एक अनोखी पहचान बनाए हुए हैं। यह बहुत ही सुंदर उपक्रम है। बच्चों में यह संस्कृति बनी रहे, सुरों का सफर चला रहे। कोई भी खेल हो, गायन हो, इंस्ट्रूमेंट वादन हो या शास्त्रीय संगीत हो तो, बच्चों को 12 साल की उम्र तक सिखाना बहुत जरूरी है। जिससे उनकी गायकी सुंदर और प्रभावी होगी। यह विचार सन्मती गडेकर ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखे।


विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित उपक्रम 'उभरते सितारे' का आयोजन हिंदी मोर भवन के उत्कर्ष हॉल में किया गया। कार्यक्रम का विषय 'गुरु पर्व' पर आधारित ज्ञानवर्धक, मनोरंजन और संगीतमय प्रस्तुतियों से भरा रहा। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप मे मृदु गंधार संगीत विद्यालय के संचालक सन्मती गडेकर जी उपस्थित थे। इनका सम्मान सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने स्मृति चिन्ह देकर किया। सर्वप्रथम, कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए संयोजक युवराज चौधरी ने गुरु की महत्ता पर प्रकाश डाला। 


तत्पश्चात, बच्चों ने अपनी गायन कला का सुंदर प्रदर्शन कर सबका दिल जीत लिया। जिसमें, सीमा लूहा, जिनीषा भोजवानी, जान्हवी तामगड़े, त्रिशीका वाघमारे, राम बागल, भव्या अरोरा, अर्चिता लखोटे और आदित मिंज की प्रस्तुति बेहतरीन रही।

बच्चों की प्रस्तुतियों को उनके अभिभावकों के साथ- साथ जयशंकर तिवारी, उमेश जैन, कृष्णा कपूर, दीपक भावे, गीता सुरेश मिंज, प्रीति बागल, बाबा खान, पूनम पड़िया, संध्या ननावरे, नम्रता भोजवानी, शिवानी लूहा, आशा वेदप्रकाश अरोरा, अजय लखोटे और आकाश भोजवानी आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम मे प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने शानदार ढंग से किया। एवं, उपस्थित सभी दर्शकों, कलाकारों और बच्चों का आभार संयोजक युवराज कुमार ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।
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