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संदीप अग्रवाल को विद्यावाचस्पति (मानद डॉक्टरेट) उपाधि मिली


नागपुर। वरिष्ठ पत्रकार व लेखक संदीप अग्रवाल को रविवार की राजधानी क्वीक पांच सितारा होटल में पंडित  दीनदयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ की ओर से विद्यावाचस्पति (डॉक्टरेट) की  मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान, पत्रकारिता एवं साहित्य के क्षेत्र में उनके  तीस वर्षों के योगदान तथा हाल ही में सम्पन्न 
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र की फैलोशिप के लिए मिला है।  इस द्विवर्षीय फेलोशिप के अंतर्गत संदीप अग्रवाल ने 'कहानियों में सिमटता कल्पनलोक : मिटती किस्सागोई' विषय पर शोध किया है।

 संदीप अग्रवाल के पास मीडिया के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल आदि सभी प्रारूपों में बीस वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्‍होंने ग्रामर, बर्रब्राउन, गोल्‍डमाइन एडवर्टाइडिंग, सा डिजीटल जैसी अनेक अग्रणी विज्ञापन एजेंसियों के लिए कॉपी राइटर व कॉन्‍सेप्‍च्‍युलाइजर के रूप में काम किया है। इसके अलावा उन्‍होंने कई टीवी कार्यक्रम निर्मात्री कंपनियों और फीचर सिंडिकेट सेवाओं के लिए फीचर, शोध, स्क्रिप्ट आदि से संबंधित काम भी किया है। मनोरंजन / फिल्म लेखन और सेलिब्रिटी साक्षात्कार में उन्‍हें महारत हासिल है। 

आईआईएमसी, नई दिल्ली से पीजी डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद, संदीप ने केबीसी (सिनर्जी कम्युनिकेशंस का प्रसिद्ध गेम शो) के शोध विभाग में काम किया है और  नवभारत टाइम्स, लोकमत समाचार, दैनिक भास्कर जैसे अनेक प्रतिष्ठित प्रकाशनों के साथ स्‍वतंत्र लेखक व नियमित संपादक के रूप में सम्‍बद्ध रहे हैं। इसके अलावा उन्‍होंने लॉन्चपैड (डीडी नेशनल पर आधारित एक नवाचार आधारित रियलिटी शो) के क्रिएटिव हेड के तौर पर काम किया है। विज्ञापन एजेंसियों के लिए किए गए उनके प्रमुख विज्ञापन अभियानों में होंडा, महाराष्‍ट्र बैंक, डायमंड सीमेंट, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्‍ट, भारतीय भूमि‍पत्‍तन प्राधिकरण, कृषि मंत्रालय, न्‍यूक्लियर पावर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लि., एनटीपीसी जैसे क्‍लाइंटों के लिए किया गया कार्य शामिल है। 

बचपन से ही लेखन में रुचि रखने वाले संदीप ने अपने लेखन कैरियर की शुरुआत धर्मयुग, माधुरी, पराग, नंदन जैसी पत्रिकाओं के साथ की थी। उन्‍होंने नवभारत टाइम्‍स के लिए साहित्‍य, पत्रकारिता, राजनीति, फिल्‍म, फैशन व मॉडलिंग, खेल आदि से जुड़ी 75 से अधिक मशहूर हस्‍ति‍यों के साक्षात्‍कार लिए हैं। इनमें खुशवंत सिंह, बासु भट्टाचार्य, सुषमा स्‍वराज, सुष्मिता सेन, शत्रुघ्‍न सिन्‍हा, रघु राय, उस्‍ताद अमजद अली खान, सुरेन्‍द्र मोहन पाठक, बिरजू महाराज, शोभना नारायण, पद्मा सचदेव, मार्क टल्‍ली, रामगोपाल बजाज, रितु बेरी, जतिन कोचर, राहुल देव आदि शामिल हैं। 

एक लेखक के तौर पर उन्‍होंने करीब  आधा दर्जन पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें प्रा और ग़ज़ल की गलियों से (काव्य), रोबोटोपिया व रोबोक्रेसी (दोनों विज्ञान-कथा संग्रह), प्रवाह (लेख), विज्ञापन: मनोरंजन की नई विधा (विज्ञापन आधारित लेख) शामिल हैं। मेरा चम्‍मच किसने चुराया, लेफ्ट, राइट एंड स्‍ट्रेट उनके लिखे कुछ उपन्‍यास हैं, जो किंडल पर प्रकाशित हुए हैं। संदीप ने विभिन्‍न अख़बारों और पत्रिकाओं के लिए विभिन्न विषयों पर 1000 से अधिक लेख भी लिखे हैं। 

हिंदी भाषा के लिए किए गए संदीप के कार्यों के लिए उन्‍हें वर्ष 2022 में अभ्‍युदय बहुउद्देश्‍यीय संस्‍थान द्वारा, केंद्रीय हिंदी निदेशालय की ओर से दिया जाने वाला ‘हिंदी सेवी सम्‍मान’ से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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