साहित्यिकी का उपक्रम 'किताबें बोलती है' सफल रहा
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नागपुर। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम साहित्यिकी में 'किताबें बोलती हैं' का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. भोला सरवर ने की। संचालन संयोजक आदेश जैन ने किया। सह संयोजिका हेमलता मिश्र ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
तत्पश्चात कार्यक्रम में देवयानी बनर्जी ने पुस्तक श्रीरामकृष्ण वचनामृत (सूर्यकांत त्रिपाठी निराला), डॉ. भोला सरवर 'फुले और पेरियार' (अभिलाष दास), मेघा अग्रवाल 'भागो नहीं भाग्य को बदलो' (स्वेट मॉर्डन), रूबी दास, मन की आँखें (डॉ कृष्णा श्रीवास्तव), हेमलता मिश्र मानवी 'मोम का दिल' (अब्दुल अमानी कुरैशी), लीलाधर सिन्हा 'सुदामा संवाद' (नरोत्तम दास) आदेश जैन 'भिक्षामि देही' (नीरज व्यास), रमेश मौंदेकर 'पारिजात' पुस्तक से 'देश की स्याही' (डॉ. सागर खादीवाला) ऐसी विभिन्न किताबों से एक से बढ़कर एक महत्वपूर्ण अंश पढ़कर किताबें बोलती है कार्यक्रम को सार्थक बनाया।