7 से पितृ पक्ष श्राद्ध होंगे आरंभ
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नागपुर। पितृ पक्ष श्राद्ध पखवाड़ा का आरंभ 7 सितंबर रविवार से होने जा रहा है, जो 21 सितंबर सर्व पितृ अमावस्या तक चलेगा. शांतिनगर निवासी पंडित सुनील शर्मा के अनुसार इस अवधि में पूर्वजों की आत्मा शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर होता है, श्राद्ध, तर्पण और दान से पितरों की कृपा से घर-परिवार में सुख, शांति होती है। यह भाद्रपद माह की शुक्ल पूर्णिमा से प्रारंभ होकर आश्विन माह की कृष्ण अमावस्या तक चलता है। इसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, इसमें पितरों की आत्मा की शांति हेतु तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है। इस अवधि में किए गए श्राद्ध कर्म से पितर गण प्रसन्न होते हैं व उनका आशीर्वाद बना रहता है।
पितृपक्ष में श्राद्ध अपने पितरों की मृत्यु तिथि के अनुसार किया जाता है, श्राद्ध के दिन पितरों के प्रिय भोजन को बनाकर उन्हें अर्पित करनां चाहिए, इस दिन ब्राह्मण, गाय, कौआ, बिल्ली, कुत्ते को भोजन कराना विशेष पुण्यकारी माना जाता है। इसे पंचबलि कहा जाता है। श्राद्ध कर्म का आरंभ तर्पण में काले तिल, जौ और जल से पितरों को अर्घ्य दिया जाता है, पितृपक्ष के दौरान प्रतिदिन तर्पण करना शुभ माना गया है। जिस दिन पूर्वजो पितरों का श्राद्ध हो, उस दिन दान अवश्य करना चाहिए।
पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां इस प्रकार है. पूर्णिमा श्राद्ध - रविवार, 7 सितंबर को
प्रतिपदा श्राद्ध - सोमवार, 8 को
द्वितीया श्राद्ध - मंगलवार, 9 को
तृतीया श्राद्ध और चतुर्थी श्राद्ध - बुधवार, 10 को
पंचमी श्राद्ध, महा भरणी - गुरुवार, 11 को
षष्ठी श्राद्ध - शुक्रवार, 12 को
सप्तमी श्राद्ध - शनिवार, 13 को
अष्टमी श्राद्ध - रविवार, 14 को
नवमी सौभाग्यवतीनां श्राद्ध - सोमवार, 15 को
दशमी श्राद्ध - मंगलवार, 16 को
एकादशी श्राद्ध - बुधवार, 17 को, द्वादशी सन्यासीयों का श्राद्ध - गुरुवार, 18 को
त्रयोदशी श्राद्ध, मघा श्राद्ध - शुक्रवार, 19 को
चतुर्दशी श्राद्ध - शनिवार, 20 को
और सर्व पितृ अमावस्या को अज्ञात लोगो का श्राद्ध - रविवार, 21 सितंबर को है.