लता दीदी को सुरसप्तक की स्वर श्रद्धांजलि
https://www.zeromilepress.com/2025/09/blog-post_52.html
नागपुर। प्रसिद्ध संगीत संस्था सुरसप्तक ने स्व. लता दीदी को उनके जन्मदिन (28 सितंबर) पर 'ख़याल-ए-लता' कार्यक्रम के ज़रिए श्रद्धांजलि दी। यह कार्यक्रम शनिवार, 20 सितंबर, 2025 को लक्ष्मी नगर स्थित साइंटिफिक ऑडिटोरियम में शाम को आयोजित किया गया। गायकों और कलाकारों ने लतादीदी के खूबसूरत गीतों को गाने का सफल प्रयास किया है। उन्होंने प्रशंसकों का दिल जीत लिया और वन्समोर की प्रशंसा हासिल की। 'देर ना हो जाए कहीं देर ना हो जाए' गाने पर गायक, कोरस और ऑर्केस्ट्रा ने शानदार प्रस्तुति दी, जिससे कार्यक्रम की ऊंचाई और रंगत बढ़ गई. चांदनी रात में, तू प्यार, तू प्रीत, इतना तो याद है मुझे, इस मोड़ से जाते हैं, सौ साल पहले, एहसान तेरा हो मुज़पर, दो पलका, तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे और यहां तक कि दीदी के 25 गाने सुनकर फैंस भी पुरानी यादों में खो गए।
सुप्रसिद्ध प्रस्तुतकर्ता शुभांगी रेलू की प्रत्येक गीत पर जानकारीपूर्ण और उपयुक्त टिप्पणी दर्शकों को बांधे रखने में सफल रही। कार्यक्रम में डॉ. अमोल कुलकर्णी, आशीष घाटे, विजय देशपांडे, अरुण ओजेरकर धीरज आटे, आदित्य फड़के, योगेश देशपांडे, प्रो. पद्मजा सिन्हा, प्रतीक्षा पटलवार, डॉ. ऋचा येनुरकर, अर्चना उचके, लता पटेल, अनुजा जोशी ने गीतों की जोरदार प्रस्तुति दी। नचिकेत देव की संगीत व्यवस्था के तहत उनके साथ वादक आशीष घाटे, तुषार विघ्ने, प्रमोद बावने, गौरव टंकसले, महेंद्र वातुलकर दीपक कांबले भी थे। कार्यक्रम की परिकल्पना वरिष्ठ कवयित्री, गायिका सुचित्रा कटारकर और निर्माता प्रो. पद्मजा सिन्हा ने की। भारी बारिश के बावजूद लता दीदी के प्रशंसक उनके प्यार के लिए बड़ी संख्या में मौजूद थे.