जिव्हाला की वंचितों के साथ मनाई जा रही है असली रोशनी की पर्व-परंपरा
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चलो जलाएं खुशियों के दीप वहाँ, जहाँ आज भी अंधेरा है…
नागपुर/उमरखेड़। इंटरनेशनल आइकॉन पुरस्कार एवं ISO मान्यता प्राप्त जिव्हाला संस्था, उमरखेड़ की ओर से दीपावली के पावन पर्व पर विगत 8 वर्षों से संचालित ‘जिव्हाला की मिठी दिवाली’ (एक हाथ मदद का – सामाजिक उपक्रम) का शुभारंभ इस वर्ष भी अत्यंत गरजमंद, ग़रीब, उस्मतोड़ मज़दूर परिवारों एवं झुग्गी बस्तियों में रहने वाले बच्चों के साथ हर्षोल्लास से किया गया। संस्था के अध्यक्ष अतुल लताबाई राम मादावार की माताश्री लताबाई रामराव मादावार के हस्ते उमरखेड़ में बच्चों को दिवाली फराल एवं महिलाओं को राशन किट वितरण कर इस उपक्रम का प्रारंभ किया गया।
जिव्हाला संस्था पिछले 14 वर्षों से ग़रीब, जरूरतमंद एवं उपेक्षित परिवारों के लिए निरंतर निस्वार्थ सेवा कार्य कर रही है। संस्था के सामाजिक कार्यों में मुख्यतः महिला एवं बाल सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, सिंचन एवं ग्राम विकास, शिक्षा, आपदा प्रबंधन, सहायक भोजन एवं सेवाकार्य इत्यादि विषयों पर महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न राज्यों में निरंतर योगदान शामिल है। विशेषकर इस वर्ष संस्था ने बाढ़ प्रभावित हजारों परिवारों को राहत सामग्री प्रदान कर समाज में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।
कार्यक्रम में उपस्थित संस्थापक अध्यक्ष अतुल लताबाई राम मादावर ने उपक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ‘जिव्हाला की मिठी दिवाली’ के माध्यम से पिछले 8 वर्षों से हजारों ग़रीब, मज़दूर, भिक्षुक, उस्मतोड़ कार्यरत परिवारों व वंचित बच्चों के साथ दिवाली का आनंद और खुशियाँ साझा की जाती हैं। स्थानीय किसान, व्यापारी, कर्मचारी, पत्रकार एवं सामाजिक बांधवों द्वारा प्रतिवर्ष सामग्री रूपी सहयोग दिया जाता है, जिसके कारण यह उपक्रम निरंतर बड़े स्तर पर संपन्न हो पाता है।
उन्होंने कहा ‘आज के शुभारंभ कार्यक्रम हेतु जो भी नागरिकों ने दिवाली फराळ एवं राशन किट के रूप में सहयोग दिया है, संस्था उनकी हृदय से आभारी है। हम समाज से निवेदन करते हैं कि अधिक से अधिक लोग सामग्री रूप में सहायता करें, ताकि यह दिवाली की खुशियाँ वंचितों के घर तक पहुँच सकें’।
कार्यक्रम में उपस्थित श्रीमती लताबाई मादावार, जिव्हाला संस्था अध्यक्ष अतुल लताबाई राम मादावार, संस्था सदस्य रामराव मादावार, सलाहकार सदस्य संगीता अतुल मादावार, स्वयंसेवक दुर्गाजी जंगले, दीपक जंगले, दिनेश चव्हाण, तुळशीराम जंगले आदि उपस्थित रहे।
