नए पुराने फिल्मी गीतों का संगम अभिनंदन मंच के द्वारा सुंदर प्रस्तुति रही
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नागपुर। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम अभिनंदन मंच (ज्येष्ठ नागरिकों का सम्मान) के अंतर्गत कार्यक्रम नए पुराने हिंदी फिल्मों गीतों का संगम की सुंदर प्रस्तुति रही यह आयोजन हिंदी मोर भवन रानी झांसी चौक में किया गया. प्रमुख अतिथि ओमप्रकाश जैस्वाल सेवा निवृत प्रमुख जिला सत्र न्यायधीश नागपुर उपस्थिति थे. अतिथियों का स्वागत विजय तिवारी व डॉ कृष्ण कुमार द्विवेदी, शरद त्रिवेदी ने अंगवस्त्र स्मृति चिन्ह से किया।
ओमप्रकाश जैस्वाल ने अपने वक्तव्य में अभिनंदन मंच से ज्येष्ठ नागरिको के लिए शानदार कार्यक्रम की प्रस्तुति रही। बुजुर्गों के लिए इस तरह के कार्यक्रम से उनका उत्साहवर्धक बना रहता है उन्हें किसी प्रकार का तनाव नहीं रहता है। अभिनंदन मंच से एक से बढ़कर एक सुंदर गीतो की प्रस्तुती से सारे बुजुर्गों के चेहरे पर खुशी देखने को मिली। इस तरह के मनोरंजन कार्यक्रम सतत होते रहना चाहिए। इस कार्यक्रम के आयोजकों की भूरि भूरि प्रशंसा की और आयोजकों को बधाई दी।
कार्यक्रम का संचालन डा.कृष्ण कुमार द्विवेदी ने किया .सर्व प्रथम कार्यक्रम की पूर्णिमा बैनर्जी ने सुनरी पवन पुरवइया, शंकर मेश्राम ने है अपना दिल तो आवारा, नवीन त्रिवेदी ने आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले, हेमंत पांडेय ने ये नरगिसे मस्ताना, अल्पा तलाविया ने लिए फ़िरू मै बनू दीवानी, शरद त्रिवेदी ने घुघरू की तरह बजता ही रहा, अभिजीत बनर्जी ने मेरा जीवन कोरा कागज, सतीश गजभिए ने यही है तमन्ना राजेश अग्रवाल ने मधुबन खूबसूरत देता है, सीमा ने रुके रुके से कदम जया धोटे ने अहसान तेरा होगा मुझ पर, राजीव गायकवाड़ ने सिकंदर ने पोरस से की थी लड़ाई, लीला पवार ने सारी सारी रात, भारती रावल ने देखो मेरा दिल, उषा बागड़े, राजेश प्रसाद ने जाने कहां गए वो दिन, श्रीकांत दीक्षित, सुरेश त्रिवेदी ने बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है,ओमप्रकाश ने मेरे पीछे एक लड़की पगली सी की प्रस्तुति रही।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने मेंराजेंद्र पी शुक्ला, अनिता गायकवाड़,सुभाष उपाध्याय,अखिलेश पांडेय, जगत वाचपेई , मदन गोपाल वाचपेई, अशोक रावल, अंजू पांडेय, शशि मिश्रा, तन्हा नागपुरी ,हरविंदर सिंह गांधी,राजेश गौतम,शत्रुघ्न तिवारी विजय बाघमारे,बच्चू पांडेय,विनायक चिंचोलकर की उपस्थिति रही. आभार प्रदर्शन का दायित्व शरद त्रिवेदी ने किया.
