अभिनंदन मंच द्वारा 'योग और प्राणायाम से संवारे अपनी जीवन शैली' का सुंदर आयोजन हुआ
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नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम अभिनंदन मंच में (ज्येष्ठ नागरिकों के सम्मान) के अंतर्गत कार्यक्रम में 'योग और प्राणायाम से संवारे अपनी जीवन शैली निखारे' इस विषय पर परिचर्चा का आयोजन, हिंदी मोर भवन, झांसी रानी चौक सीताबर्डी, नागपुर में किया गया। इस कार्यक्रम के संयोजक संचालन डॉ. कृष्ण कुमार द्विवेदी ने किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विजय प्रताप सिंह परिहार, पुलिस निरीक्षक, सेवानिवृत्ति उपस्थित थे। सर्वप्रथम अतिथि विजय प्रताप सिंह का स्वागत हेमंत पांडेय ने किया। कार्यक्रम का आरंभ सरस्वती वंदना से किया गया।
इस कार्यक्रम में संवाद के अंतर्गत मुख्य अतिथि विजय प्रताप सिंह परिहार ने अपने वक्तव्य में जीवन में सुख समाधान और निरॊग रहने की कला की विधिवत जानकारी दी। व्यक्ति को कम से कम योग और प्राणायाम से किए जाने वाले योगासन और प्राणायाम के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया। योगासन व प्राणायाम की क्रिया करने से पहले, उनका महत्व व विधि को अच्छी तरह समझने पर जोर दिया।
इस प्राणायाम को करने के लिए प्रशिक्षित योग गुरु के मार्गदर्शन में सीख कर ही किया गया योगासन व प्राणायाम जीवन में लाभ होता है, इससे ही योगाभ्यासी खुद अनुभव कर सकता है। योग करने से उसके शरीर के लिए कितना फायदा होता है। इसके बाद में यम, नियम, आसन, प्रत्याहार, अपरिग्रह, ध्यान, धारणा, समाधि, इस प्रकार अष्टांग योग के बारे में व प्रत्येक मनुष्य आधुनिक जीवन में भी साधना से समाधि तक, किस प्रकार यात्रा कर सकता है व आध्यात्मिक जीवन में प्रवेश कर सकता है, इस विषय पर भी उन्होंने प्रकाश डाला। आभार प्रदर्शन विजय तिवारी ने किया।
कार्यक्रम में सफल बनाने में श्रीमती अनीता गायकवाड व सर्वश्री डॉ. बच्चू पांडे, सुशील परिहार, आर सी महाले, नरेंद्र ढोले, मनीष कुमार दवे, डी. बी. ओगले, एस. जी. पाइथन, धीरज दुबे, राजेंद्र मिश्रा, माजिद, डॉ. अजय इत्तलवार, के राजन, ओम प्रकाश केहीते, दिनेश बागड़ी, डॉ सौरभ शुक्ला, दिलीप धोरे, गणेश सिंह ठाकुर, राजीव गायकवाड, राजेश वर्मा, रवि शर्मा, दीपक तेलंग, लक्ष्मीनारायण केसकर इत्यादि ने अपना अमूल्य योगदान दिया।