रजनिगंधा म्यूजिक अकादमी के आयोजन में झूम उठे श्रोता
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मोहम्मद रफ़ी के जन्मदिन पर 'बार‑ बार दिन ये आये' संगीत संध्या
नागपुर। रजनीगंधा म्यूजिक अकादमी की ओर से मोहम्मद रफ़ी साहब की जयंती के अवसर पर आयोजित 'बार‑ बार दिन ये आये' यह संगीत संध्या लक्ष्मी नगर स्थित साइंटिफिक सभागृह में उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हुई।
कार्यक्रम की संकल्पना रजनीगंधा म्यूजिक अकादमी की संचालिका परिणीता मातुरकर की थी, जबकि कुशल सूत्रसंचालन प्रितेश मातुरकर ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत सभी गायकों ने सामूहिक रूप से 'इतनी शक्ति हमें देना दाता' भजन गाकर की। इसके बाद नरेंद्र इंगले ने 'मस्ती में छेड़ के तराना कोई दिल का' गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम का सुरमय श्रीगणेश किया।
आगे के सत्र में अश्फाख शेख, परिणीता मातुरकर, अनिल अडवाणी (अमरावती), योगेश आसरे, संजय बोरकर, गीता बावनकर, बिपिन तिवारी, डॉ. रजनी हुड्डा, प्रमोद गाडेकर, आशिष पारेड्डीवार, प्रज्ञा डेकाटे, तुषार सायरे, नितीन झाड़े, गिरीश शर्मा, अविनाश मालगेवर सहित सभी मान्यवर कलाकारों ने रफ़ी साहब के सदाबहार गीतों की शानदार प्रस्तुति दी।
'ओ मेरी शाह‑ ए‑ ख़ूबा', 'क्या मौसम है', 'आने से उसके आये बहार', 'दिल का भंवर करे पुकार', 'जानू मेरी जान', 'चल उड़ जा रे पंछी', 'मैं प्यार का राही हूँ', 'वादियाँ मेरा दामन' जैसे एक से बढ़कर एक गीतों से पूरा सभागार गूँज उठा और हर गीत के बाद तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई दी।
अंत में सभी गायक‑गायिकाओं ने एक साथ “बार बार दिन ये आये” गीत गाकर मोहम्मद रफ़ी साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा इसी के साथ यह स्मरणीय कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम की सफलता में शैलेश शिरभाते और अश्फाख शेख का विशेष सहयोग रहा। सफल आयोजन के लिए परिणीता मातुरकर सहित सभी कलाकारों ने उपस्थित श्रोता‑रसिकों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।
